- मुरली का मानना है कि सीएसके में धोनी ने दूसरा को अच्छे से खेलना सीखा
- मुरली ने साथ ही कहा कि इसी वजह से विश्व कप फाइनल में युवी से पहले धोनी आए
- श्रीलंकाई स्पिनर ने बताया कि चुनिंदा भारतीय बल्लेबाज ही उनकी दूसरा को खेल पाते थे
नई दिल्ली: श्रीलंका के महान ऑफ स्पिनर मुथैया मुरलीधरन ने भारतीय क्रिकेट के ऐतिहासिक पल को दोबारा याद किया, जब बड़ा फैसला लेते हुए युवराज सिंह से पहले कैप्टन कूल एमएस धोनी बल्लेबाजी करने आए थे। युवराज सिंह अपने सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में थे। धोनी ने हालांकि, फाइनल में पहले आकर कमाल कर दिया और विजयी रन बनाते हुए भारत को 28 साल बाद दोबारा विश्व चैंपियन बना दिया। इतने सालों में फैंस और विशेषज्ञों ने कई कारण बताए कि आखिर क्या युवराज सिंह से पहले एमएस धोनी बल्लेबाजी करने उतरे थे।
अब इस बारे में खुद मुथैया मुरलीधरन ने खुलासा किया है। मुरली के बयान ने इस घटना पर एकदम नया एंगल पेश किया है। 49 साल के मुरलीधरन के मुताबिक एमएस धोनी उनकी दूसरा को अच्छे से खेलते थे, जिसमें युवराज सिंह पूरी तरह विश्वस्त नहीं थे। यही वजह थी कि भारतीय टीम के कप्तान ने कड़ा फैसला लेते हुए युवराज सिंह से पहले बल्लेबाजी करने आने का फैसला किया। एमएस धोनी का फैसला मास्टरस्ट्रोक साबित हुआ।
धोनी ने नाबाद 91 रन की पारी खेलते हुए भारत को यादगार विश्व कप खिताब दिलाया। यह विश्व कप भारत ने महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को समर्पित किया था। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट इतिहास में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले मुरलीधरन ने स्तर का खिलाड़ी अगर कोई बात बता रहा है, तो इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। मुरलीधरन ने कहा कि आईपीएल में चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए खेलते हुए धोनी ने उनका दूसरा अच्छे से पढ़ा, जिसके लिए बल्लेबाज को श्रेय मिलना चाहिए।
चुनिंदा बल्लेबाज ही समझ पाते थे दूसरा: मुरली
मुरलीधरन ने ईएसपीएनक्रिकइंफो से बातचीत में कहा, 'मैं कहूंगा कि जब मैंने चेन्नई में उन्हें गेंदबाजी की, तो अंत में वह उसे अच्छे से समझने लगे। मुझे याद है कि विश्व कप में युवराज सिंह को मेरी गेंदबाजी का कोई अंदाजा नहीं था। वह बल्लेबाजी करने आने वाला था, लेकिन मुझे लगता है कि धोनी मेरे कारण पहले बल्लेबाजी करने उतरा। सचिन तेंदुलकर दूसरा अच्छे से खेलता था। मेरे ख्याल से राहुल द्रविड़ भी इसको अच्छे से पढ़ते थे।'
मुरली ने आगे कहा, 'वीवीएस लक्ष्मण और गौतम गंभीर भी दूसरा खेल लेते थे। वीरेंद्र सहवाग का पता नहीं कि हर बार वो इसमें सहज रहते थे या नहीं। जब मैं दूसरा करता था, तो सीम का इस्तेमाल नहीं करता था। तो सीम के साथ ये आपको दिखेगी नहीं। आपको इसके लिए मेरी कलाई पर ध्यान देना होगा। श्रीलंकाई बल्लेबाजों में कुमार संगकारा, महेला जयवर्धने, अरविंद डी सिल्वा, मर्वन अट्टापट्टू दूसरा खेल पाते थे। तिलकरत्ने दिलशान को कभी समझ नहीं आई।'
मुथैया मुरलीधरन ने 2011 विश्व कप के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया था। इसके बाद वह आईपीएल में मेंटर की भूमिका निभा रहे हैं।