- मोहम्मद आमिर ने पाकिस्तान चयनकर्ताओं और टीम प्रबंधन पर अपनी भड़ास निकाली
- आमिर ने भारतीय खिलाड़ियों का उदाहरण देते हुए पाकिस्तान के चयन नीति की धज्जियां उड़ाईं
- आमिर ने सूर्यकुमार यादव और इशान किशन के डेब्यू के बारे में बात की, जिन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ प्रभावित किया था
नई दिल्ली: पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर ने राष्ट्रीय टीम की चयन नीति और तकनीकी खामी वाले युवाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देने के लिए टीम प्रबंधन पर जमकर भड़ास निकाली है। आमिर ने कहा कि अधिकांश युवा, जिनके पास भले ही कम घरेलू क्रिकेट का अनुभव हो, उन्हें इंटरनेशनल क्रिकेट के लिए पाकिस्तान टीम में चुना जाना चाहिए और उच्चतम स्तर पर बढ़ावा मिलना चाहिए।
पिछले साल टीम प्रबंधन और चयनकर्ताओं से विवाद के चलते अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने वाले आमिर ने पाकिस्तान की चयन समिति की तुलना भारत, इंग्लैंड और न्यूजीलैंड से की। उन्होंने कहा कि अन्य टीमें खिलाड़ियों को बढ़ावा देती हैं, जिनके पास घरेलू स्तर का पर्याप्त अनुभव हो और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए वह तैयार हो। मगद पाकिस्तान में खिलाड़ियों से उम्मीद की जाती है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलते हुए वह सीखे।
आमिर ने पाक पेशन डॉट नेट से बातचीत में कहा, 'भारत, इंग्लैंड और न्यूजीलैंड को देखिए, इंटरनेशनल क्रिकेट में किस तरह के खिलाड़ी लेकर आए। वो उच्चतम स्तर पर खेलने के लिए पूरी तरह तैयार हैं क्योंकि जूनियर और घरेलू क्रिकेट में उन्होंने अपनी सीखने की कला पूरी की। एक बार चयन हुआ तो वो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी शैली दिखाते हैं, जो घरेलू क्रिकेट में उन्होंने सीखी होती है। वहीं पाकिस्तान में इस पल हमारे खिलाड़ियों से अपेक्षा होती है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलते समय राष्ट्रीय कोच से सीखने की उम्मीद करें न कि अपने करियर की शुरूआत में क्रिकेट की कला सीखें।'
आमिर ने भारतीय खिलाड़ियों की मिसाल दी
मोहम्मद आमिर ने सूर्यकुमार यादव और इशान किशन के उदाहरण दिए, जिन्होंने इस साल इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में भारत के लिए टी20 इंटरनेशनल डेब्यू किया। दोनों ही बल्लेबाजों ने शानदार बल्लेबाजी करके काफी प्रभावित किया। आमिर ने कहा कि किशन और सूर्यकुमार तैयार दिखे जब उन्हें डेब्यू कैप सौंपी गई क्योंकि दोनों ने घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में काफी खेला।
आमिर ने कहा, 'इशान किशन, सूर्यकुमार यादव और क्रुणाल पांड्या को देखिए, वो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए तैयार दिखे जब डेब्यू किया और उन्हें किसी प्रकार की सलाह या कोचिंग की मदद की जरूरत नहीं पड़ी। इन्होंने कई सालों तक घरेलू क्रिकेट और आईपीएल खेला और इससे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में इनका परिचय सरलता से हुआ।' आमिर ने कहा कि जो खिलाड़ी तैयार नहीं है, उसे कभी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बढ़ावा नहीं देना चाहिए क्योंकि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट वो जगह नहीं जहां कोई कुछ सीखे। यहां सही शैली और तैयारी वाले खिलाड़ी प्रदर्शन करने में सफल होते हैं।
पूर्व तेज गेंदबाज ने कहा, 'अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट कोई स्कूल क्रिकेट नहीं, जहां आप जिम्मेदारी सीखते हो। यहां कड़ा माहौल मिलेगा, जहां उन खिलाड़ियों से सामना होगा, जो तैयार हैं और अपने खेल के बारे में सीख चुके हैं। वह जरूरी शैली को हासिल करते हैं। अगर आपको क्रिकेट सीखना है तो एकेडमी या फर्स्ट क्लास क्रिकेट में जाइए। बिना तैयारी के इंटरनेशनल क्रिकेट में नहीं आइए।'