- सौरव गांगुली ने कई खिलाड़ियों का समर्थन करके उन्हें शानदार लीडर बनाया
- बंगाल के क्रिकेटर को शुरुआती चरण में प्रतिभा तलाशने के लिए जाना जाता है
- गांगुली ने चाबूक बल्लेबाज एमएस धोनी के सुनहरे भविष्य की पहचान कर ली थी
मुंबई: भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान के रूप में सौरव गांगुली ने अपनी छवि प्रेरणादायी लीडर के रूप में बनाई थी, जिन्होंने कई खिलाड़ियों का बहुत समर्थन किया और आगे चलकर वह विश्व के दिग्गज खिलाड़ियों में शामिल हुए। युवराज सिंह, वीरेंद्र सहवाग, मोहम्मद कैफ, हरभजन सिंह, आशीष नेहरा और जहीर खान कुछ ऐसे नाम हैं, जिन्होंने समय-समय पर गांगुली की तारीफों के पुल बांधे हैं। वो भी गांगुली का ही फैसला था कि एमएस धोनी को नंबर-3 पर बल्लेबाजी के लिए भेजा जाए, जो भारतीय क्रिकेट के लिए बहुत सफल साबित हुआ।
भारतीय क्रिकेट टीम के शुरुआती दिनों में गांगुली ने एमएस धोनी को शक्तिशाली बल्लेबाज के रूप में जाना था। गांगुली को शुरुआती चरण में प्रतिभा तलाशने के लिए भी जाना जाता था। आईपीएल की फ्रेंचाइजी कोलकाता नाइटराइडर्स (केकेआर) के पूर्व टीम निदेशक जॉय भट्टाचार्य ने बताया कि कैसे गांगुली ने युवा एमएस धोनी को 'चाबूक बल्लेबाज' के रूप में पहचाना था।
एमएस धोनी बनेंगे स्टार
जॉय भट्टाचार्य ने गौरव कपूर के साथ 22 यार्न्स पोडकास्ट में बातचीत करते हुए कहा, '2004 में बांग्लादेश जाते समय फ्लाइट में सौरव ने मुझे कहा कि हमारे पास यह नया चाबूक बल्लेबाज है। चाबूक यानी हंटर, आसान भाषा में बड़े शॉट जमाने वाला। उन्होंने कहा चाबूक नया बल्लेबाज, जो बल्लेबाजी करने आएगा तो उसे देखना। एमएस धोनी आगे चलकर स्टार बनने वाला है।'
गांगुली खुद तीसरे क्रम पर बल्लेबाजी कर रहे थे। उन्होंने धोनी को तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने के लिए कहा और खुद नीचे बल्लेबाजी करने की ठानी ताकि माही की क्षमता देखी जा सके। कुछ मैचों में फ्लॉप होने के बाद रांची के सुपरस्टार ने दोनों हाथों से मौका लपका और पाकिस्तान के खिलाफ 2005 में 123 गेंदों में 148 रन की पारी खेलकर खुद को बड़े मंच पर साबित किया।
गांगुली की प्रतिभा तलाशने की बात पर जोर देते हुए जॉय ने आगे कहा, 'एक बात गांगुली की सबसे खास यह है कि वो आपको देखेगा और उसे पता चल जाएगा कि आपमें प्रतिभा है। अगर आपमें प्रतिभा दिखी तो वो आपका समर्थन करेगा। इसका मतलब यह नहीं कि आप रन नहीं बना रहे हैं। आप फेल हो रहे हैं। उसे इससे फर्क नहीं पड़ता। क्योंकि उसे पता है कि एक दिन आपमें रन बनाने की क्षमता है।'
धोनी की अपार सफलताएं
बांग्लादेश के खिलाफ डेब्यू मैच में रनआउट होने के बाद धोनी ने अगले दो मैचों में केवन 19 रन बनाए थे। बल्लेबाजी क्रम में प्रमोट करने के बाद धोनी ने दुनिया को अपना विस्फोटक रूप दिखाया। इसके बाद माही ने कभी पीछे मुड़कर नहीं दिखा और विश्व के सबसे धाकड़ क्रिकेटरों में से एक बने। वह दुनिया के इकलौते कप्तान हैं, जिन्होंने आईसीसी की तीनों ट्रॉफियां जीती।
बहरहाल, इस समय धोनी के संन्यास की खबरों पर लगातार अटकलें जारी हैं। वह पिछले साल विश्व कप के बाद से ब्रेक पर हैं। 7 जुलाई को 39 साल के हुए धोनी से उम्मीद की जा रही थी कि आईपीएल-13 के बाद उनके भविष्य पर कोई फैसला आएगा। अब जब आईसीसी ने टी20 विश्व कप 2020 रद्द कर दिया है तो आईपीएल 2020 के लिए रास्ते खुल गए हैं। धोनी के प्रशंसकों को उम्मीद है कि वह जल्द ही अपने चहेते क्रिकेटर को मैदान पर खेलते हुए देख सकेंगे।