- रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीम फाइनल जीतने में तीसरी बार नाकाम रही
- सनराइजर्स हैदराबाद ने पहली बार जीता था आईपीएल खिताब
- आरसीबी के फाइनल में पहुंचने की कहानी बेहद नाटकीय रही थी
नई दिल्ली: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) इतिहास में आज के दिन पांच साल पहले यानी 29 मई 2016 को दो धुरंधर टीमों रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) और सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) के बीच बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में फाइनल मुकाबला खेला गया था। यह मुकाबला फैंस लंबे समय तक नहीं भूल पाए क्योंकि रोमांच की हदें पार करने वाले मैच में 400 रन से ज्यादा रन बने और 14 विकेट गिरे। आईपीएल 2016 अपने आप में काफी खास सीजन रहा।
आईपीएल के 9वें एडिशन को विराट कोहली के प्रदर्शन के लिए याद किया जाता है, जिन्होंने एक ही सीजन में रिकॉर्ड चार शतक सहित 973 रन बनाए थे। इसके अलावा सनराइजर्स हैदराबाद के कप्तान डेविड वॉर्नर (848) और आरसीबी के स्टार बल्लेबाज एबी डिविलियिर्स (687 रन) ने भी खूब रन बनाए थे। इसके साथ ही आरसीबी के फाइनल में पहुंचने की कहानी भी फैंस भूल नहीं सकते हैं। जब टूर्नामेंट शुरू हुआ तो लगा ही नहीं कि आरसीबी की टीम फाइनल तक का सफर तय कर जाएगी।
विराट कोहली के नेतृत्व वाली आरसीबी ने अपने शुरूआती 7 मैचों में केवल दो जीत दर्ज की थी और उसके फाइनल में पहुंचने का कोई चांस ही नजर नहीं आ रहा था। मगर विराट कोहली और एबी डिविलियर्स के धमाकेदार प्रदर्शन के दम पर आरसीबी आईपीएल इतिहास में तीसरी बार फाइनल में पहुंची, जहां उसका सामना सनराइजर्स हैदराबाद के बीच हुआ।
आरसीबी की टीम अपने होमग्राउंड चिन्नास्वामी स्टेडियम पर फाइनल मुकाबला खेल रही थी, लिहाजा फैंस को उम्मीद थी कि 'ई साल कप नामादे' (इस साल कप अपना) होगा। कप्तान विराट कोहली और उनकी टीम जिस फॉर्म में थी, उससे कई क्रिकेट पंडित भी मान चुके थे कि आरसीबी का खिताबी सूखा समाप्त होगा। 'ऑरेंज आर्मी' यानी सनराइजर्स हैदराबाद को अंडरडॉग कहा जा रहा था।
ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों का जलवा
सनराइजर्स हैदराबाद के कप्तान डेविड वॉर्नर ने इस मैच में टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। हैदराबाद के ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों डेविड वॉर्नर (69) और बेन कटिंग (39*) ने तेजतर्रार पारियां खेलकर टीम को निर्धारित 20 ओवर में 208/7 के स्कोर तक पहुंचाया। भारतीय बल्लेबाजों में ओपनर शिखर धवन (28) और युवराज सिंह (38) ने उपयोगी योगदान दिया था। आरसीबी की तरफ से क्रिस जॉर्डन ने सबसे ज्यादा तीन विकेट झटके थे। श्रीनाथ अरविंद ने दो जबकि युजवेंद्र चहल को एक सफलता मिली थी।
बड़ी चूक और फिसल गई हाथ से ट्रॉफी
209 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी आरसीबी को क्रिस गेल (76) और कप्तान विराट कोहली (54) ने 114 रन की साझेदारी करके तूफानी शुरूआत दिलाई। यूनिवर्स बॉस ने केवल 38 गेंदों में 4 चौके और 8 छक्के की मदद से 76 रन बनाए थे। बिपुल शर्मा ने बेन कटिंग की गेंद पर गेल का कैच लपका और हैदराबाद को पहली सफलता मिली।
इसके बाद बरिंदर सरां ने कप्तान विराट कोहली को क्लीन बोल्ड करके आरसीबी की मुसीबत बढ़ा दी। यही आरसीबी की सबसे बड़ी चूक थी। कोहली अगर टिककर खेलते तो जिस तरह के फॉर्म में वो थे, किसी भी स्थिति से मैच निकालकर ले जाते। उन्होंने 35 गेंदों में 5 चौके और दो छक्के की मदद से अर्धशतकीय पारी खेली।
यहां से सनराइजर्स हैदराबाद ने जोरदार वापसी की। मुस्ताफिजुर रहमान और भुवनेश्वर कुमार ने आरसीबी के बल्लेबाजों पर लगाम कसी रखी और एसआरएच पहली बार आईपीएल चैंपियन बन गया। आरसीबी की टीम 20 ओवर में 7 विकेट खोकर 200 रन बना पाई थी। गेल-कोहली के अलावा कोई बल्लेबाज उम्दा योगदान नहीं दे पाया। बेन कटिंग (39* और दो विकेट) को ऑलराउंड प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया।
आरसीबी को तीसरी बार असफलता झेलनी पड़ी। सनराइजर्स हैदराबाद पहली बार आईपीएल चैंपियन बना जबकि रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का खिताबी सूखा आज तक समाप्त नहीं हुआ है।