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भारत के खिलाफ खेलने चाहता है पाकिस्तान का ये सिख गेंदबाज, भेदभाव पर भी खुलकर रखी बात

Updated Oct 06, 2020 | 14:13 IST

Pakistani Sikh bowler Mahinder Pal Singh: पाकिस्तानी सिख गेंदबाज महिंद्र पाल सिंह भारत के खिलाफ खेलने चाहते हैं। उन्होंने भेदभाव पर भी खुलकर बात रखी है।

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तस्वीर साभार:&nbspFacebook
महिंद्र पाल सिंह

लाहौर: पाकिस्तान के युवा गेंदबाज महिंद्र पाल सिंह की ख्वाहिश अपने सिख समुदाय से पाकिस्तान की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के लिए खेलने वाला पहला खिलाड़ी बनने और चिर प्रतिद्वंदी भारत के खिलाफ खेलने की है। सिंह ने कहा, 'मैं किसी भी स्तर पर पाकिस्तान की तरफ से भारत के खिलाफ खेलूंगा तो यह मेरे लिए बहुत बड़ी बात होगी। अगर आप किसी भी क्रिकेटर से पूछोगे तो वह यही कहेगा कि वो ज्यादा दबाव वाले मैच में खेलना चाहता है, वो बड़ा मैच जिस पर पूरे विश्व की नजरें हों। भारत और पाकिस्तान का मैच हमेशा से एक विशेष पल होता है और मैं क्रिकेटिंग करियर में भविष्य में इसका हिस्सा बनना चाहता हूं।'

'मैं मैच में हीरो कहलाना चाहता हूं'

उन्होंने कहा, 'हाई-टेम्पो मैच में मजबूत विपक्षी टीम के सामने, जिस मैच को पूरे विश्व के लोग देख रहे हों, मैं उस मैच में हीरो कहलाना चाहता हूं। भारत में पंजाब में मेरे रिश्तेदार हैं। मेरी आंटी वहां रहती हैं बाकी लोगों के साथ और वो मुझसे लगातार मिलते हैं। साथ ही मेरे पंजाब में भी काफी सारे प्रशंसक हैं, खासकर पंजाब में जो हमेशा मेरे लिए दुआ करते हैं और उनका कहना है कि अगर मैं कभी पाकिस्तान के लिए खेला तो वो मेरा समर्थन करेंगे और उस मैच में पाकिस्तान का भी समर्थन देंगे।'

'मैंने आखिरी बार ग्रैड-2 में 2017 में खेला'

वकार यूनुस को अपना आदर्श माने जाने वाले इस खिलाड़ी को हाल ही में काफी परेशानी झेलनी पड़ी। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने अपने घरेलू ढांचे में बदलाव का फैसला किया था और डिपार्टमेंट टीमों को हटा दिया था जिससे तकरीबन 400 खिलाड़ी अपनी जीविका खो बैठे थे। सिंह ने कहा, 'मैंने आखिरी बार ग्रैड-2 में 2017 में खेला था, लेकिन जो लोग विभाग की टीमों में खेल रहे थे उन्हें कॉन्ट्रेक्ट नहीं दिए गए हैं और न ही मौजूदा टीम में जगह मिली है। जो खिलाड़ी इन विभागों के साथ नियमित रूप से खेलते हैं उन्हीं को अनुबंध मिला।'

'घरेलू सेट-अप में मेरा कोई चांस नहीं'

उन्होंने कहा, 'मैंने अपने विभाग के लिए कभी-कभी ही मैच खेले थे इसलिए मौजूदा घरेलू सेट-अप में मेरा कोई चांस नहीं है। कई बार मुझे सीजन के आखिरी में अनुबंध दिया गया वो भी यह देखने के लिए कि मैं क्या कर सकता हूं। मैं अंडर-16, अंडर-17 और अंडर-19 से नहीं आया इसलिए लोग मेरे बारे में नहीं जानते हैं।' सिंह ने कहा कि सिख समुदाय से होने के नाते उन्हें भेदभाव का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा, 'मुझे काफी संघर्ष करना पड़ता है और काफी सारे मुश्किल दिनों का सामना करना पड़ा, लेकिन मैं अपना सपना छोड़ने को तैयार नहीं हूं। मैंने कई स्तर पर भेदभाव का सामना किया है और कुछ टिप्पणियों का भी, लेकिन हर जगह अच्छे और बुरे लोग होते हैं।'

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