- विराट कोहली ने बायो बबल में रहने का अनुभव ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जाने से पहले साझा किया है
- विराट ने खिलाड़ियों की मानसिक फिटनेस को भी ध्यान में रखने का अनुरोध किया है
- विराट का मानना है कि कार्यक्रम तैयार करने से पहले किन बातों का ख्याल रखना होगा
दुबई: भारतीय कप्तान विराट कोहली का मानना है कि लगातार 'बायो बबल' में रहना क्रिकेटरों के लिये मानसिक रूप से कठिन है और कोरोना महामारी के बीच जैविक सुरक्षित माहौल में खेलने के लिये किसी भी दौरे की अवधि पर भी गौर करना होगा। भारतीय टीम आईपीएल के तुरंत बाद ऑस्ट्रेलिया रवाना होगी यानी एक 'बायो बबल' से उसे दूसरे में जाना होगा।
कोहली ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के यूट्यूब चैनल पर कहा, 'यह लगातार हो रहा है। हमारे पास बेहतरीन टीम है तो यह उतना कठिन नहीं लग रहा। बायो बबल में रह रहे सभी लोग शानदार है, माहौल अच्छा है। यही वजह है कि हम साथ खेलने का और बायो बबल में साथ रहने का मजा ले रहे हैं।' उन्होंने कहा, 'लेकिन लगातार ऐसा होने से यह कठिन हो जाता है।'
मानसिक थकान पर भी देना होगा ध्यान
आईपीएल खेल रहे क्रिकेटर अगस्त से यूएई में हैं। इसके बाद भारतीय टीम में शामिल सभी खिलाड़ी आस्ट्रेलिया रवाना हो जायेंगे यानी बाहरी दुनिया से लंबे समय तक कटे रहेंगे। कोहली ने कहा, 'मानसिक थकान पर भी ध्यान देना होगा। टूर्नामेंट या दौरा कितना लंबा है और खिलाड़ियों पर मानसिक रूप से इसका क्या असर पड़ेगा वगैरह। एक जैसे माहौल में 80 दिन तक रहना और दूसरा कुछ नहीं करना। या बीच में परिवार से मिलने की अनुमति होना। इन चीजों पर गंभीरता से विचार करना होगा।' उन्होंने कहा, 'आखिर में तो आप चाहते हैं कि खिलाड़ी मानसिक रूप से पूरी तरह फिट रहें तो इस बात की बातचीत नियमित तौर पर होनी चाहिये।'
बायो-बबल के कारण बिग बैश से स्मिथ बना चुके हैं दूरी
भारतीय टीम आस्ट्रेलिया में तीन वनडे, तीन टी20 और चार टेस्ट खेलने के बाद इंग्लैंड के खिलाफ पूर श्रृंखला खेलेगी जो जैविक सुरक्षित माहौल में ही होगी। ऑस्ट्रेलिया के डेविड वार्नर और स्टीव स्मिथ भी 'बायो बबल' से हो रही मानसिक थकान के कारण बिग बैश लीग खेलने से इनकार कर चुके हैं। इंग्लैंड के सैम कुरेन और जोफ्रा आर्चर भी बबल से निकलने के दिन गिन रहे हैं।