- वीरेंद्र सहवाग ने कहा है कि मजाक में लेने वाली नहीं है ये बात
- बताया जाना चाहिए उस नशे में धुत्त खिलाड़ी का नाम
- मामले की गंभीरता को देखते हुए उस खिलाड़ी के खिलाड़ी के खिलाफ की गई कार्रवाई का भी किया जाना चाहिए खुलासा
मुंबई: साथी खिलाड़ियों के साथ अपने मजाकिया अंदाज और व्यवहार के लिए जाने जाने वाले टीम इंडिया के स्टार स्पिनर युजवेंद्र चहल ने आईपीएल में 9 साल पहले अपने साथ हुई एक घटना का खुलासा क्या किया पूरे भारतीय क्रिकेट जगत में सनसनी फैल गई है।
31 वर्षीय चहल ने राजस्थान रॉयल्स टीम के एक चैट प्रोग्राम में रविचंद्रन अश्विन के साथ चर्चा में खुलासा किया कि 9 साल पहले साल 2013 में आईपीएल मैच के बाद एक खिलाड़ी ने उन्हें शराब के नशे में 15वीं मंजिल की बालकनी से लटका दिया था। अगर उस दौरा अगर जरा सी भी चूक हो जाती तो उनकी जान जा सकती थी। वो मौत के बेहद करीब आ गए थे।
सबको पता चलना चाहिए उस खिलाड़ी का नाम
इस वाकये के सामने आने के बाद बेवाक रूप से अपनी बात सबके सामने रखने वाले नजफगढ़ के नवाब वीरेंद्र सहवाग ने चहल से उस खिलाड़ी का नाम सार्वजनिक करने को कहा है। सहवाग ने फिल्म मुन्नाभाई एमबीबीएस फिल्म के ऐसे ही एक दृश्य की तस्वीर साझा करते हुए लिखा, चहल के मुताबिक उन्हें नशे की हालत में बालकनी से लटकाने वाले खिलाड़ी का नाम बताया जाना चाहिए। अगर ये घटना सच है तो इसे मजाक में नहीं लेना चाहिए। सबसे ज्यादा ये जानना जरूरी है कि आखिरकार उस दिन हुआ क्या था और मामले की गंभीरता को देखते हुए क्या एक्शन लिए गए थे।
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नशे की हालत में 15वीं मंजिल से लटका दिया था
चहल ने मौक के करीब आने वाली घटना का खुलासा करते हुए कहा, मेरी जो स्टोरी है वो कुछ लोगों को ही पता है। आज तक मैंने ये बात किसी से कहीं भी नहीं कही है। ये साल 2013 की बात है जब मैं मुंबई इंडियन्स की टीम में था और हमारा मैच बेंगलुरू में था। मैच के कुछ देर बाद एक गेट टुगेदर था। उस दौरान एक खिलाड़ी थे जो कि उस दिन नशे में धुत्त थे। मैं उनका नाम नहीं लूंगा वो मुझे काफी देर से देख रहे थे। उन्होंने मुझे अपने पास बुलाया और उठाकर बालकनी से लटका दिया। मैंने अपने हाथ से उनका सिर पकड़े रखा। यदि उस दौरान मेरा हाथ छूट जाता तो मैं 15वीं मंजिल से नीचे गिर जाता।
हलक में अटक गई थी जान
उन्होंने आगे कहा, तभी वहां मौजूद लोग आए और उन्होंने स्थिति को संभाल लिया। मेरी हालत बेहोशी जैसी हो गई थी मुझे कुछ होश नहीं रह गया था। लोगों ने मुझे पानी पिलाया। तब मुझे पता चला कि यदि आप कहीं जाते हैं तो आपको कितना जिम्मेदार और समझदार होना चाहिए। यह मेरे जीवन का एक हिस्सा था जहां मुझे लगा कि मैं जाते-जाते( मरते-मरते) वापस आ गया। वहां अगर थोड़ी भी गलती हो जाती तो मैं गिर जाता।