- चेन्नई सुपरकिंग्स की 2008 में पहली पसंद नहीं थे एमएस धोनी
- सीएसके चाहती थी कि वीरेंद्र सहवाग को धोनी पर तरजीह देकर खरीदा जाए
- धोनी के नेतृत्व में सीएसके ने अब तक तीन बार आईपीएल खिताब जीता
नई दिल्ली: इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का 13वां एडिशन शुरू होने में कुछ ही समय बचा है और इसके लिए फैंस का उत्साह देखते ही बन रहा है। इस समय कई खिलाड़ी और पूर्व क्रिकेटर्स अपनी फ्रेंचाइजी से संबंधित अनुभव साझा कर रहे हैं। इस बीच चेन्नई सुपरकिंग्स के पूर्व बल्लेबाज एस बद्रीनाथ ने एक ऐसा चौंकाने वाला खुलासा किया है, जिसे सुनकर धोनी के फैंस का सिर जरूर चकरा जाएगा। बद्रीनाथ ने खुलासा किया कि आईपीएल के उद्घाटन सीजन में चेन्नई सुपरकिंग्स की प्राथमिकता एमएस धोनी नहीं बल्कि वीरेंद्र सहवाग को खरीदना थी। मगर फिर उसने एमएस धोनी के साथ जाने फैसला किया।
बद्रीनाथ ने याद किया कि चेन्नई आधारित फ्रेंचाइजी का विचार था कि दिग्गज बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग कप्तान की भी अच्छी भूमिका अदा करेंगे। हालांकि, चीजें उस तरह नहीं जम सकी क्योंकि सहवाग ने दिल्ली में रूकने का फैसला किया क्योंकि यह उनका गृहनगर है और वह घरेलू क्रिकेट में इसी राज्य का प्रतिनिधित्व करते थे। सहवाग का विकल्प समाप्त होने के बाद प्रबंधन ने सोचा कि एमएस धोनी उनके लिए सही रहेंगे।
रांची के एमएस धोनी सबसे पहले आईपीएल के सबसे महंगे खिलाड़ी बने और फिर उन्होंने अपने नेतृत्व में फ्रेंचाइजी को तीन खिताब दिलाए। बद्रीनाथ के हवाले से हिंदुस्तान टाइम्स ने कहा, 'आईपीएल की शुरूआत 2008 में हुई। अगर आपको बताउं कि चेन्नई सुपरकिंग्स की पहली पसंद कौन था, तो वो थे वीरेंद्र सहवाग। प्रबंधन ने सहवाग को खरीदने का मन बनाया था, लेकिन वीरू ने खुद कहा कि वह दिल्ली में बड़े हुए हैं तो उससे उनका कनेक्शन है।'
ऐसी कोई ट्रॉफी नहीं, जो एमएसडी के पास नहीं: बद्रीनाथ
प्रबंधन सहमत हो गया कि सहवाग अपना भाग्य दिल्ली में आजमाए और इस बीच भारत ने एमएस धोनी के नेतृत्व में 2007 वर्ल्ड टी20 का खिताब जीता। यही वजह रही कि धोनी का आईपीएल में चयन हुआ और उद्घाटन सीजन के वो सबसे महंगे खिलाड़ी बने। धोनी को 6 करोड़ रुपए में फ्रेंचाइजी ने खरीदा था।
बद्रीनाथ ने कहा, 'फिर नीलामी आई। सीएसके प्रबंधन ने देखा कि कौन बेहतर खिलाड़ी है और उससे पहले भारत 2007 वर्ल्ड टी20 जीत चुका था। इसके बाद ही सीएसके ने धोनी को अपने साथ जोड़ा। 2008 में एमएस धोनी सबसे महंगे खिलाड़ी बने। फ्रेंचाइजी ने उन्हें 6 करोड़ रुपए में खरीदा। तो यही कहानी है, जो शायद आपको नहीं पता हो, लेकिन धोनी को फिर सहवाग की जगह खरीदा गया। मेरे मुताबिक एमएस धोनी का सीएसके में आना एक पत्थर से तीन पक्षियों को मारने के बराबर है। पहली बात वह दुनिया के सबसे सफल कप्तानों में से एक हैं। इसके अलावा कोई ऐसी ट्रॉफी नहीं, जो एमएस धोनी ने नहीं जीती हो।'