- चेन्नई सुपरकिंग्स आईपीएल इतिहास की सबसे निरंतर बेहतर प्रदर्शन करने वाली टीम है
- येलो आर्मी एकमात्र टीम है, जिसने पिछले सभी सीजन में प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई किया था
- आईपीएल इतिहास में पहली बार सीएसके प्लेऑफ में पहुंचने में नाकाम रही
नई दिल्ली: इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) इतिहास में पहली बार एमएस धोनी के नेतृत्व वाली चेन्नई सुपरकिंग्स (सीएसके) प्लेऑफ में जगह बनाने से चूक गई। टूर्नामेंट के इतिहास की सबसे निरंतर टीम सीएसके मौजूदा सीजन में दमदार प्रदर्शन नहीं कर सकी और राजस्थान रॉयल्स की गत चैंपियन मुंबई इंडियंस पर जीत के बाद आधिकारिक रूप से प्लेऑफ की दौड़ से बाहर हुई।
इसके बाद चेन्नई सुपरकिंग्स के भविष्य और कप्तान एमएस धोनी के बारे में कई सवाल उठे, जिनका यूएई में अपने स्तर के आधार पर भूलने वाला टूर्नामेंट रहा। यूएई में धोनी के खराब प्रदर्शन के बावजूद सीएसके के सीईओ काशी विश्वनाथन को उम्मीद है कि अगले आईपीएल में धोनी की उनकी टीम की कमान संभालेंगे।
विश्वनाथन ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा, 'जी हां, बिलकुल। मुझे भरोसा है कि 2021 में चेन्नई सुपरकिंग्स की कप्तानी एमएस धोनी करेंगे। उन्होंने आईपीएल में हमें तीन खिताब जिताए हैं। यह पहला मौका है जब हम प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई नहीं कर सके। किसी अन्य टीम ने ऐसा नहीं किया। एक खराब साल का यह मतलब नहीं कि हमें सभी चीजें बदलना होगी।'
फाफ डु प्लेसिस और सैम करन के अलावा सीएसके के अधिकांश खिलाड़ी नियमित रूप से प्रदर्शन करने में असफल रहे हैं। सीएसके को टूर्नामेंट से पहले सुरेश रैना और हरभजन सिंह के बाहर होने से तगड़ा झटका लगा था। दोनों खिलाड़ियों ने निजी कारणों का हवाला देकर आईपीएल के 13वें एडिशन से अपना नाम वापस लिया था। विश्वनाथ ने सहमति जताई कि दो अनुभवी खिलाड़ियों का नाम वापस लेना और सीएसके कैंप में कोविड कहर ने टीम संतुलन पर प्रभाव डाला।
हमने जीते हुए मुकाबले गंवाए: विश्वनाथन
काशी विश्वनाथन ने कहा, 'हमने इस सीजन में अपनी क्षमता के अनुरूप नहीं खेला। हमने वो मैच गंवाए जो जीत सकते थे। इससे हम पिछड़ गए। सुरेश रैना और हरभजन सिंह का नाम वापस लेना और कैंप में कोविड मामलों से टीम के संतुलन पर असर पड़ा, जो निराशाजनक रहा।' एमएस धोनी ने हाल ही में कहा था कि युवाओं ने ज्यादा मौके मिलने के लिए वो जुनून नहीं दिखाया, जिसकी जरूरत थी।
अब सीएसके के पास खोने को कुछ नहीं है, तो टीम प्रबंधन ने फैसला किया कि रुतुराज गायकवाड़, नारायण जगदीशन और मोनू कुमार को ज्यादा मौके दें। पहले तीन मैचों में फ्लॉप होने के बाद रुतुराज गायकवाड़ ने आखिरकार अपनी दमदार बल्लेबाजी का नमूना पेश किया और आरसीबी के खिलाफ मैच विजयी नाबाद 65 रन की पारी खेली।