- एक ठग ऐसा जिसने ताजमहल से लेकर लालकिला तक बेच डाला
- सकुेश चंद्रशेखऱ ने महज 32 साल की उम्र तक की अरबों की ठगी
- ठग बेहराम अपनी क्रूरता के लिए था प्रसिद्ध
इन दिनों महाठग सुकेश चंद्रशेखर चर्चाओं में बना हुआ है। अरबों रुपये की ठगी करने वाला सुकेश तिहाड़ जेल से भी अपने धंधे को बेखौफ होकर चला रहा है। महज 17 साल की उम्र से ही लोगों को ठगने वाला सुकेश बेंगलुरु में ठगी करने के बाद उसने चेन्नई और दूसरे शहरों में भी लोगों को निशाना बनाने लगा। बात सुकेश की हो रही है तो आपको कुछ ऐसे ठगों के बारे में भी बता देते हैं जिनके कारनामे जानकर आप दांतो तले उंगुली दबा लेंगे या यूं कहें कि सुकेश आपको इनके सामने बौना लगेगा।
नटवरलाल
बिहार के सिवान जिला ( तब छपरा) के निवासी नटवरलाल का रियल नेम मिथिलेश कुमार श्रीवास्तव था लेकिन ठगी के लिए उसने अपने 50 से अधिक नकली नाम रखे हुए थे। एक ऐसा ठग जो देश की सबसे सुरक्षित माने जाने वाली जेलों से 8 बार भागने में कामयाब रहा था। नटवरलाल कैसा ठग था उसे आप इस बात से समझ सकते हैं कि उसने भरी अदालत में जज से पैसे तक ले लिए थे। नटवरलाल के बारे में कहा जाता है कि उसने तीन बार ताजमहल, दो बार लालकिले और एक बार राष्ट्रपति भवन का ही सौदा कर डाला था। वो इस कदर शातिर था कि राष्ट्रपति के फर्जी दस्तखत तक कर लेता था।
ठग बेहराम
बेहराम जमीदार और ठगों के राजा के रूप में भी जाना जाता है, 18 वीं सदी के अंत और 19 वीं सदी के प्रारंभ में उत्तरी मध्य भारत के अवध में सक्रिय ठगों का मुखिया था। उस समय ठगी करने की प्रवृत्ति थोड़ा अलग होती थी। जहां आजकल धोखाधड़ी करने वालों को ठग कहा जाता है उस समय खूंखार प्रवृत्ति वाले लोगों को ठग कहा जाता था जिनका एक गिरोह काफिले के साथ जाकर लूटपाट करता था। बहराम ने ठगी की दुनिया में 25 साल की उम्र में कदम रका और अगले 10 सालों में उसने इतनी हत्याएं की कि लोगों के दिलों में उसके नाम का खौफ हो गया। कहा जाता है बहराम अपने पास एक पीले रंग का रूमाल और सिक्का रखता था जिससे वह लोगों की हत्या कर सामान लूट लेता था। 931 लोगों की उसके गिरोह ने हत्या की थी जिसमें 150 को तो बेहराम ने खुद अपने हाथों मारा था। 1839 में उसे फांसी दी गई थी।
सुकेश चंद्रशेखर
महज 17 साल की उम्र में ठगी का काम करने वाला सुकेश चंद्रशेखर की उम्र इस समय 32 साल है लेकिन इतनी कम उम्र में वह ठगी के जरिए अरबों का मालिक बन बैठा। कभी वह राजनीतिज्ञ बना तो तो कभी ब्यूरोक्रेट का वेष धारण कर लिया। तमिलनाडु के बड़े नेता टीटीवी दिनाकरन से उसने एक चुनाव चिह्न दिलाने के नाम पर 50 करोड़ की ठगी कर ली। सुकेश का व्यक्तित्व ऐसा था कि अगर वह किसी भी शख्स से मिल लेता तो आधे घंटे में उसे इंप्रैस कर देता था। सुकेश पर आरोप है कि उसने रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर शिविंदर सिंह और मालविंदर सिंह को जेल से बाहर निकलवाने का झांसा देकर उनकी पत्नियों से 200 करोड़ से अधिक की ठगी की। 2005 में पहली बार गिरफ्तार सुकेश ने तब कर्नाटक के एक बिजनसमैन से डेढ़ करोड़ की ठगी की थी। सुकेश इस समय तिहाड़ जेल में बंद है लेकिन यहां से भी उसने अपनी ठगी नहीं छोड़ी।
चार्ल्स शोभराज
कुछ समय पहले बॉलीवुड में एक फिल्म आई थी जिसका नाम था ‘मैं और चार्ल्स’। यह फिल्म मशहूर ठग और सीरियल किलर चार्ल्स शोभराज के जीवन पर आधारित थी। वियतनाम में जन्मे चार्ल्स शोभराज ने कई देशों में ठगी को अंजाम दिया जिसमें भारत, नेपाल, ईरान, तुर्की शामिल है। बिकनी किलर के नाम से मशहूर शोभराभ जब भी जेल जाता तो या तो चकमा देकर बाहर आ जाता था या फिर अधिकारियों को रिश्वत देकर जेल में लग्जरी सुविधाओं का आनंद लेता।
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