गुवाहाटी : असम के करबी अंगलोंग से एक बेहद हैरान करने वाली खबर सामने आ रही है। यहां पर दो आदिवासी महिलाओं को पीट-पीट कर मार दिया गया इसके बाद उन्हें आग के हवाले कर दिया गया। उन पर आरोप था कि वे गांव के लिए मनहूस हैं और उनके खिलाफ काला जादू कर इस प्रकार का अत्याचार किया गया।
ये जुर्म गांव के ही आदिवासी समूहों ने मिलकर किया। पीड़िताओं की पहचान 50 वर्षीय रमावती हलुआ और 30 वर्षीय विजॉय गौर के रुप में हुई है। ये दोनों रहीमापुर गांव की रहने वाली थीं। 27 सितंबर को गांव में एक लड़की की मौत हुई थी और इसकी मौत के लिए उन दोनों महिलाओं को जिम्मेदार बताया गया था।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक ये मामला गुरुवार को प्रकाश में आया। पुलिस ने अब तक इस मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया है।
ये सभी आरोपी पीड़िताओं की जान पहचान के हैं और उसी गांव के हैं। आरोपियों ने बताया कि उन्हें लगा कि ये दोनों महिलाओं गांव में मनहूसियत फैला रही हैं और उनकी वजह से गांव में कोई रोग फैल रहा है।
दोनों को तय योजना के तहत मारा गया। करबी अंगलोंग के एसपी ने बताया कि वे अन्य आरोपियों की तलाश कर रहे हैं। गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की संबंधित धाराओं और असम विच हंटिंग एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया गया है।
घटना 30 सितंबर को जिला मुख्यालय दीफू से लगभग 80 किलोमीटर दूर रहीमापुर की है। एसपी के मुताबिक यह चुड़ैल के शिकार का मामला प्रतीत होता है। यदि अन्य कारण हैं, तो हम उन्हें जांच के दौरान पता लगाएंगे।" एसपी और कार्यकारी मजिस्ट्रेट ने अपराध स्थल का दौरा किया और चिता से अवशेष एकत्र किए। पुलिस ने अपराध में प्रयुक्त धारदार हथियार बरामद कर लिया है।