- बेगूसराय में मंगलवार शाम को बेखौफ बाइक सवार बदमाशों ने फायरिंग की
- करीब 40 किलोमीटर तक दोनों बदमाश गोलीबारी करते रहे, पुलिस ने नहीं रोका
- गोलीबारी की इस घटना में एक व्यक्ति की मौत हुई है, अन्य नौ लोग घायल हुए हैं
Begusarai Firing : बेगूसराय में मंगलवार को एनएच-28 पर बाइक सवार दो बदमाशों ने करीब 40 मिनट तक दिनदहाड़े गोलियां बरसाईं। एनएच पर दोनों शूटर करीब 40 किलोमीटर तक फायरिंग करते रहे लेकिन पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश नहीं की। इस दौरान दोनों बदमाशों ने 10 लोगों पर गोलीबारी की जिनमें से एक शख्स की मौत हो गई। इस घटना ने बिहार में पुलिस तंत्र की पोल खोल दी है। घटना हुए 20 घंटे बीत गए हैं लेकिन पुलिस के हाथ अभी भी खाली हैं। इस घटना के बाद नीतीश सरकार भारतीय जनता पार्टी के निशाने पर आ गई है। इस बीच, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव एवं डीजीपी के साथ बैठक की है और इस मामले में सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
फायरिंग करते हुए पटना की तरफ निकल गए बदमाश
बेगूसराय की इस घटना से लोग दशहत में हैं और डरे हुए हैं। अपराधियों में कानून का डर नहीं है। वे बेखौफ हैं। गोलीबारी करते हुए दोनों अपराधी समस्तीपुर की तरफ से पटना की तरफ निकल गए। इस रास्ते पर कई पुलिस चौकी और थाने हैं। बावजूद इसके पुलिस ने उन्हें नहीं रोका। बिहार में नेशनल हाईवे पर सीरियल फायरिंग की यह पहली वारदात है। बेगूसराय पहुंचे केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने दावा किया कि अपराधी जिन रास्तों से गुजरे उन रास्तों में सात थाने पड़ते हैं लेकिन पुलिस हाथ पर हाथ धरके बैठी रही। सिंह बेगूसराय से सांसद हैं।
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सड़क किनारे चार थाने लेकिन पुलिस ने नहीं रोका
बताया जा रहा है कि जिस रोड पर गोलीबारी करते हुए अपराधी जा रहे थे उसके किनारे ही चार थाने स्थित हैं लेकिन पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश नहीं की। घटना के बाद पुलिस अब जागी है। बुधवार को जगह-जगह रास्ते पर पुलिस ने चेकपोस्ट बनाया है और सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है। लोगों का कहना है कि एनएच पर यदि पुलिस पेट्रोलिंग करती तो इस तरह की घटना नहीं होती। इस घटना के बाद भाजपा नेता बिहार सरकार से पूछ रहे हैं कि क्या नीतीश सरकार की सरपरस्ती इन अपराधियों पर है जो बेखौफ होकर घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं?
मृतक के परिवार को मिले एक करोड़ रुपया-गिरिराज सिंह
बेगूसराय में मीडिया से बातचीत करते हुए गिरिराज सिंह ने कहा कि बिहार में जंगलराज की वापसी हो गई है। नीतीश कुमार केवल मुखौटा हैं, असली सीएम तेजस्वी यादव हैं। उन्होंने कहा, 'साल 2005 में जंगलराज के खिलाफ नीतीश कुमार ने लड़ाई शुरू की। अब वह जंगलराज की जगह जनता राज कह रहे हैं। वह जानते हैं कि जंगलराज उन्होंने कहा तो उनकी कुर्सी चली जाएगी। इस घटना पर नीतीश मौन क्यों हैं? उन्हें सामने आना चाहिए।' केंद्रीय मंत्री ने गोलीबारी की घटना में मारे गए चंदन के परिवार को एक करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता एवं सरकारी नौकरी देने की मांग की है। सिंह ने कहा कि घायलों को 50-50 लाख रुपए मिलने चाहिए।