- सिविल डिफेंस कर्मचारी पर पाकिस्तान को खुफिया सूचनाएं मुहैया कराने का आरोप है
- आरोप है कि वह हनी-ट्रैप में फंसकर पाक खुफिया यूनिट को सूचना मुहैया करा रहा था
- कहा जा रहा है कि उसे इसके बदले पाकिस्तानी हैंडलर्स की ओर से कई बार पैसे भी मिले
रेवाड़ी : हरियाणा के रेवाड़ी में एक सिविल डिफेंस कर्मचारी को 'हनी ट्रैप' में फंसकर पाकिस्तानी मिलिट्री इंटेलिजेंस (MI) यूनिट को खुफिया सूचना देने के लिए गिफ्तार किया गया है। वह फेसबुक के जरिये इस झांसे में आया। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, लखनऊ स्थित भारतीय सैन्य खुफिया (MI) यूनिट से मिली जानकारी के आधार पर हरियाणा पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने बुधवार को सैन्य इंजीनियरिंग सेवा (MES) से जुड़े एक असैन्य कर्मचारी महेश कुमार को रेवाड़ी से गिरफ्तार किया।
आरोप है कि पैसे के बदले में उसने पाकिस्तानी MI से जुड़ी एक युवती को खुफिया जानकारी दी। उसकी पहचान महेश कुमार के तौर पर की गई है। पुलिस के अनुसार, यह शख्स पिछले करीब दो-ढाई साल से पाकिस्तानी MI यूनिट से जुड़े ऑपरेटिव के संपर्क में था और उसने कई मौकों पर उनसे पैसे लिए थे। सूत्रों के अनुसार, लखनऊ MI को जून में इसकी जानकारी मिली थी कि जयुपर में कार्यरत आरोपी पाकिस्तानी सेना के लिए काम करने वाले ऑपरेटिव को रक्षा संबंधी खुफिया जानकारी पहुंचाता था और उसे 'मैडमजी' कहकर संबोधित करता था।
ऑपरेशन मैडमजी!
इसके बाद संदिग्ध की पहचान सुनिश्चित करने और उसके बारे में मिली जानकारी की सत्यता का पता लगाने के लिए MI यूनिट ने गुप्त ऑपरेशन 'ऑपरेशन मैडमजी' लॉन्च किया। जांच के बाद यह खुलासा हुआ कि आरोपी फेसबुक पर कम से कम तीन ज्ञात और स्थापित पाकिस्तानी इंटेलिजेंस ऑपरेटिव (PIO) द्वारा संचालित अकाउंट्स के संपर्क में था। सूत्रों का यह भी कहना है कि आरोपी को केरल के जरिये अपने पाकिस्तानी हैंडलर्स के माध्यम कम से कम से कम पांच-पांच हजार रुपये के दो भुगतान मिले थे।
भुगतान का मॉड्यूल बहुत कुछ वैसा ही था जैसा कि राजस्थान स्थित जासूसी मामले 'ऑपरेशन डेजर्ट चेस' में सामने आया था। इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था। सितंबर के पहले सप्ताह में आरोपी के रेवाड़ी और उसके आसपास के इलाके में रहने का पता चला। इसके बाद MI ने हरियाणा STF को इस मामले में विस्तृत जानकारी शेयर की। बाद में दोनों एजेंसियों की संयुक्त टीम ने आगे इस मामले की जांच की। इसके बाद संदिग्ध आरोपी की गिरफ्तारी और पूछताछ के लिए 13-14 सितंबर को योजना बनाई गई और 16 सितंबर को उसे गिरफ्तार कर लिया गया।