नई दिल्ली: हरियाणा के नूह में एक पूर्व आर्मी जवान पर सात लोगों द्वारा हमला करने का मामला सामने आया है। हमलावारों ने 'कोरोना वायरस फैलाने' का आरोप लगाकर जवान पर हमला बोल दिया। सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी वर्तमान में नूंह सिटी पुलिस स्टेशन में विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) के रूप में तैनात है। इस सप्ताह के शुरुआत में आरोपियों ने कथित तौर पर सैन्यकर्मी सैमुद्दी के साथ मारपीट की और रस्सी से उसका गला घोंटने की कोशिश की।
पीड़ित सैमुद्दीन की पत्नी शमीना द्वारा पुलिस में दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार आरोपियों ने घटना को 6 अप्रैल को अंजाम दिया जब उसका पति अपने खेतों में कटाई के काम की देखरेख करने के लिए दानिबस गांव जा रहा था। घटना सांगेल गांव में हुई। यहां निवासियों ने कांटेदार बाड़ का उपयोग कर रास्ता बंद कर रखा था। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया, 'निवासियों ने लोगों के आने-जाने के लिए कुछ जगह छोड़ हुई थी ताकि पैदल यात्री या मोटरसाइकिल गुजर सके।'
'जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया और गालियां दीं'
शिकायतकर्ता ने कहा, 'जब मेरे पति वहा से गुजरे… तो उस बाड़ के पास मौजूद सांगेल गांव के सरपंच ने उन्हें पकड़ लिया। उन्हें जाने नहीं दिया। उन्होंने जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया और गालियां दीं और कहा कि वह कोरोनो वायरस बीमारी फैला रहे हैं। इसके बाद कुछ मिनटों में सात लोगों ने कथित रूप से सैमुद्दीन के गले में रस्सी बांध दी और उसे जोर से खींचा और उसे मारने का प्रयास किया। मेरे पति जमीन पर गिर गए। जब उन्हें होश आया तो उन्होंने पाया कि उन्हें पानी के चैम्बर की चार दीवारी के अंदर रखा गया है।
शमीना ने कहा, 'जब एक राहगीर ने उसके ससुर को फोन किया और बताया तब जाकर रिश्तेदारों को इस घटना के बारे में पता चला। मेरे पति ने मोटरसाइकिल और थोड़ी ही दूरी पर पहुंचे थे कि परिवार के सदस्यों उन्हें मिल गए।' परिवार ने शुरू में सैमुद्दीन को नूह के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया लेकिन उन्हें फिर गुड़गांव के आर्टेमिस अस्पताल में रेफर कर दिया गया। उनका यहां ऑपरेशन हुआ है और फिलहाल उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है।
'देश की सेवा के बावजूद ऐसा बर्ताव'
शमीना ने कहा, 'मेरे पति ने 20 साल तक सेना में सेवा की और अब भी नूह शहर के पुलिस स्टेशन में हरियाणा पुलिस के साथ एसपीओ के रूप में अपने देश की सेवा कर रहे हैं। यह मुझे बहुत दुख देता है कि देश की सेवा करने के बावजूद देशवासियों से ऐसे बर्ताव का सामना करना पड़ रहा है।' नूंह पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 323, 341, 337 और 34 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।
नूह पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) इंस्पेक्टर विशाल कुमार ने कहा, 'सांगेल गांव के सरपंच सहित सात लोगों के खिलाफ मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है। अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। हमारी जांच चल रही है।' प्राथमिकी में आरोपियों की पहचान सोनू, मुकेश, विनोद, कैलाश, विकास, कौशल और सरपंच राजेंद्र के रूप में की गई है। सभी आरोपी सांगेल गांव के निवासी हैं।