- स्वघोषित भगवान स्वामी चिन्मयानंद पर छात्राओं को बंधक बनाने का आरोप
- पीड़ित परिवार ने गुजरात हाईकोर्ट में लगाई अर्जी
- अहमदाबाद स्थित योगिनी सर्वज्ञपीठम में पढ़ती हैं छात्राएं
नई दिल्ली। स्वामी नित्यानंद इस नाम से कौन परिचित नहीं है। ये वो नाम है जो इस वजह से सुर्खियों में नहीं रहा है वो लोक और परलोक की बात करता है। वो इसलिए चर्चा में रहा है धर्म की आड़ में रंगरेलिया मनाता था, श्रद्धालुओं का यौन शोषण करता था। नित्यानंद के आश्रम में श्रद्धालु माया मोह के बंधन से आजाद होने के लिए जाते थे। लेकिन उसके आश्रम में जो कुछ होता था उसके बाद वो मानसिक संताप के घेरे में आ जाते थे। वही नित्यानंद एक बार फिर सुर्खियों में है, फर्क सिर्फ इतना है उसके गुनाह का ठिकाना बदल चुका है।
स्वामी नित्यानंद के खिलाफ एक जोड़े ने गुरजरात हाईकोर्ट में अर्जी लगाई है। अर्जी में उसकी दो बेटियों को नित्यानंद के शैक्षणिक संस्थान से छुड़ाने की गुहार लगाई गई है। याची जनार्दन शर्मा और उनकी पत्नी ने अदालत को बताया कि उसकी दो नाबालिग बच्चियों को बेंगुलरु में नित्यानंद के ट्रस्ट के जरिए संचालित संस्थान में 2013 में भर्ती कराया गया था। जब उन्हें पता चला कि उनकी बेटियों को नित्यानंद ध्यानपीठम की दूसरी शाखा जो अहमदाबाद स्थित योगिनी सर्वज्ञपीठम में भेजा जा रहा है तो उनसे मिलने की कोशिश की। लेकिन संस्थान के कर्मचारियों ने बेटी से मिलने से मना कर दिया।
गुजरात पुलिस की मदद से जनार्दन शर्मा अपनी बेटियों से मिलने के लिए सर्वज्ञपीठम पहुंचे। लेकिन उनकी बेटी लोपामुद्रा जमार्दन शर्मा और नंदिता ने साथ जाने से इनकार कर दिया। पीड़ित परिवार का कहना है कि उनकी बेटियों का अपहरण कर उन्हें दो हफ्ते से ज्यादा समय से बंधक बनाकर रखा गया है। यही नहीं उन्हें सोने भी नहीं दिया जा रहा है। बता दें कि स्वामी नित्यानंद के खिलाफ रेप केस में जून के महीने में अदालत ने चार्जशीट दायर कर दिया है।