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DSP को कुचला, महिला SI को रौंदा, पुलिसवाले को कुचला, माफिया का नया प्रयोग है या संयोग?

Updated Jul 20, 2022 | 23:14 IST

तीन राज्यों में माफिया के कहर की कहानी, 24 घंटे के अंदर 3 राज्यों में 3 वर्दीवालों को माफिया-तस्कर गैंग ने कुचलकर मार डाला। ऐसे में सवाल ये कि कानून के रखवालों को कुचलने की ये सनक, माफिया का नया प्रयोग है या संयोग है। इसे समझने के लिए देखिए हमारी ये एक्सक्लूसिव रिपोर्ट।

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24 घंटे के अंदर 3 राज्यों के 3 शहरों से आई ये 3 तस्वीरें माफिया के कहर के वो 3 सबूत हैं। जो कानून के खौफ को सरेआम-सरेराह कुचलने की गवाही दे रहे हैं। पहली तस्वीर हरियाणा के नूंह की है। जहां खनन माफिया ने डीएसपी को कुचलकर मार डाला। दूसरी तस्वीर झारखंड के रांची की है। जहां महिला सब इंस्पेक्टर को पशु तस्कर ने अपनी पिकअप वैन से रौंद दिया। जबकि तीसरी तस्वीर गुजरात के आणंद की है। जहां ट्रक ड्राइवर ने पुलिसवाले को कुचल डाला।

सबसे पहले बात देश की राजधानी दिल्ली से सिर्फ 100 किलोमीटर दूर नूंह की। जहां खनन माफिया ने डीएसपी सुरेंद्र सिंह विश्नोई को सरेआम डंपर तले कुचलकर मार डाला। मौके पर मौजूद डीएसपी के गनमैन भले ही उनकी जिंदगी नहीं बचा पाए लेकिन हरियाणा पुलिस ने फौरन एक्शन लेते हुए एनकाउंटर में डंपर के क्लीनर इक्कर को गिरफ्तार कर लिया लेकिन डंपर ड्राइवर मित्तर अभी भी फरार है। आपको डीएसपी सुरेंद्र की हत्या के आरोपियों के गांव से भी रिपोर्ट दिखाएंगे लेकिन उससे पहले आपको ठीक उस जगह की तस्वीर दिखाते हैं। जहां खनन माफिया ने डीएसपी को कुचलकर मार डाला।

इस इलाके में अवैध खनन के सबूत चारों तरफ मौजूद हैं लेकिन हरियाणा की सरकार कहती है कि सूबे में खनन पर रोक है जबकि इस बियाबान इलाके में पत्थर काटने, उठाने और उसे ले जाने के रास्ते सारी कहानी बयां कर रहे हैं। वारदात के बाद सूबे के डीजीपी पीके अग्रवाल भी एसपी और आईजी के साथ खुद यहां पहुंचे थे।

डीएसपी सुरेंद्र के हत्यारों के ठिकानों पर चलने से पहले हिसार का मंजर देखिए। जहां सारंगपुर गांव में इस वक्त मातम पसरा है। पत्नी कौशल्या और पिता की मौत की खबर सुनकर बेंगलुरु से गांव आई बेटी का रो-रोकर बुरा हाल है।

छोटे भाई अशोक डीएसपी सुरेंद्र के बेहद करीब थे। वो कह रहे हैं 4 महीने पहले ही माता-पिता का निधन हो गया। अब भाई भी चला गया। जो भाई 3 महीने बाद रिटायर होने वाला था। रिटायरमेंट के बाद गांव लौटने वाला था। उसकी मौत की मनहूस खबर ने पूरे परिवार को तोड़कर रख दिया है। अशोक ने अपने भाई की हत्या में साजिश का शक भी जताया है।

फिलहाल डीएसपी सुरेंद्र के बेटे का कनाडा से लौटने का इंतजार है। जो बेटा अगस्त में परिवार को सरप्राइज देने आने वाला था। उसे अब अचानक पिता की अंतिम विदाई के लिए आना पड़ रहा है। अब आपको एक बार फिर नूंह के तावडू लेकर चलते हैं। जहां कातिल डंपर तो पुलिस के कब्जे में है लेकिन वो ड्राइवर अबतक फरार है जिसने अवैध खनन के बाद डीएसपी को इसके पहिए तले रौंद डाला।

यकीनन सवाल बेहद गंभीर है। जिस डंपर का नंबर तक मिट चुका है। वो कैसे हरियाणा की सड़कों पर बेधड़क दौड़ रहा था। इसे चलाने वाला माफिया कितना बेखौफ था कि उसने डीएसपी की जान तक ले ली यही वजह कि साजिश का शक गहराता जा रहा है। अब आपको डंपर के फरार ड्राइवर मित्तर और एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार इक्कर के गांव लेकर चलते हैं। जहां मित्तर के घर पर ताला लटका है और वो परिवार समेत फरार है।

यहीं पास में ही डंपर के क्लीनर इक्कर का भी घर है..जहां उसके एक पड़ोसी ने उसके बारे में क्या बताया? वो आप खुद सुनिए। इक्कर का पड़ोसी उसे दिमागी रूप से बीमार बता रहा है। उसके मुताबिक वो डंपर पर पहली बार गया था लेकिन खुद इक्कर की मां के मुताबिक वो अक्सर डंपर मालिक मित्तर के साथ खनन के लिए जाया करता था। मैंने कहा कि तुम मत जाओ मित्तर के साथ, पर वो माना नहीं, मैंने कहा बेटे तुम मत जाओ। बेटे तुम मत जाओ, लेकिन वो नहीं माना।

अब पुलिस को मित्तर की तलाश है। आज नहीं तो कल वो पकड़ा जाएगा लेकिन जिस तरह से डीएसपी सुरेंद्र का मर्डर हुआ है। उससे नूंह के तावडू इलाके में बेहद नाराजगी है। हत्या के विरोध में बाजार बंद है। दुकानों पर ताले लटके हैं। लोगों ने मौन जुलूस निकाला..एसडीएम से मिलकर ज्ञापन सौंपा। लोगों की मांग तो इस इलाके में मिलिट्री तक को तैनात करने की है लेकिन एसडीएम का दावा है कि जो हुआ सो हुआ। अब आगे ऐसा नहीं होगा।

हरियाणा सरकार ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का ऐलान किया है। डीएसपी सुरेंद्र सिंह को शहीद का दर्जा दिया गया है। साथ ही 1 करोड़ रुपए के मुआवजे और परिवार से एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की गई है। डीएसपी के हत्यारे सीधे-सीधे अवैध खनन में शामिल थे लेकिन बीजेपी इन्हें माफिया नहीं पत्थर चोर बता रही है। अवैध खनन के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा रही है। लेकिन कांग्रेस का आरोप है कि हरियाणा में कानून का राज खत्म हो चुका है। ऐसे में सीएम मनोहर लाल खट्टर को इस्तीफा देना चाहिए।