- साल 1999 में आईपीएस अधिकारी की पत्नी से तीन लोगों ने किया गैंगरेप
- दो आरोपी गिरफ्तार हुए जबकि तीसरा फरार चल रहा था, महाराष्ट्र में दबोचा गया
- इस घटना से ओडिशा में आया सियासी भूचाल, सीएम पटनायक को देना पड़ा इस्तीफा
भुवनेश्वर : ओडिशा पुलिस सोमवार को 22 साल बाद गैंगरेप के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार करने में सफल हुई। साल 1999 में आईपीएस अधिकारी की पत्नी के साथ हुए गैंगरेप की घटना ने राज्य में सियासी भूचाल ला दिया था। इस घटना के बाद प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री जेबी पटनायक को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। इस घटना के बाद से मुख्य आरोपी फरार चल रहा था लेकिन पुलिस ने उसे महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया है।
कार से भुवनेश्वर से कटक जा रही थी महिला
पुलिस में दर्ज अपनी शिकायत में महिला ने कहा कि वह अपने दोस्त के साथ भुवनेश्वर से कटक जा रही थी तभी राजधानी के बाहरी निर्जन इलाके में तीन लोगों ने उसकी कार को रोक लिया। तीन आरोपी स्कूटर पर सवार होकर आए थे। आरोपियो ने कार के चालक और उसके दोस्त को गन प्वाइंट पर बंधक बना लिया था। महिला ने कहा कि इसके बाद आरोपी उसे घसीटकर नजदीक के जंगल में ले गए और बारी-बारी से उसका रेप किया।
पूर्व एडवोकेट जनरल पर महिला ने आरोप लगाया
इस घटना के दो साल पहले 12 जुलाई 1997 को महिला ने राज्य के पूर्व एडवोकेट जनरल इंद्रजीद रे पर उसके साथ छेड़खानी करने का आरोप लगाया था। 19 जुलाई 1997 को महिला ने रे पर रेप का प्रयास करने का आरोप लगाते हुए कटक में शिकायत दर्ज कराई। बाद में महिला ने मुख्यमंत्री पटनायक पर आरोपी को बचाने का आरोप लगाया। मामले में लोगों का आक्रोश बढ़ता देख रे को अपने पद से हटना पड़ा। बाद में इस मामले की जांच सीबीआई ने शुरू की। फरवरी 2000 में सीबीआई की एक अदालत ने रे को दोषी पाया और उन्हें तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई।
घटना से ओडिशा में आया सियासी भूचाल
साल 1999 की गैंगरेप की घटना के बाद महिला ने आरोप लगाया कि उसके साथ हुई यह घटना एक सोची-समझी चाल थी। इसका मकसद उसे डराना था कि वह रे के खिलाफ आरोपों को वापस ले ले। महिला ने मामले में मुख्यमंत्री की भूमिका होने का भी आरोप लगाया। इस मामले ने ओडिशा में सियासी भूचाल लाने का काम किया। इस घटना के खिलाफ राज्य में प्रदर्शन और हड़ताल होने शुरू हुए। विपक्षी पार्टियों भाकपा, मापा और जनता दल ने संयुक्त रूप से राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया। मामले में दबाव बढ़ता देख मुख्यमंत्री पटनायक ने न्यायिक जांच का आदेश दिया।
दबाव बढ़ने पर पटनायक को कुर्सी छोड़नी पड़ी
साल 2000 में ओडिशा में विधानसभा चुनाव होना था। इसे देखते हुए पटनायक के आलोचकों ने उनसे मुख्यमंत्री पद छोड़ने की मांग की। फरवरी 1999 में उन्हें सीएम पद से हटना पड़ा। इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उनकी जगह गिरिधर गमांग को सीएम नियुक्त किया। गैंगरेप मामले में पुलिस ने 26 जनवरी 1999 को दो आरोपियों प्रदीप साहू और धीरेंद्र मोहंती को गिरफ्तार किया। जबकि तीसरा आरोपी फरार हो गया।
महाराष्ट्र में दबोचा गया तीसरा आरोपी
भुवनेश्वर-कटक के पुलिस आयुक्त एस सारंगी ने बताया कि बिबेकानंद बिस्वाल उर्फ बिबन को महाराष्ट्र के लोनावला में आम्बी घाटी से पकड़ा गया। उन्होंने बताया कि बिबन वहां जालंधर स्वैन की फर्जी पहचान के साथ पलम्बर (नलसाज) के रूप में काम कर रहा था। अधिकारी ने बताया कि आरोपी को पकड़ने के लिए तीन महीने पहले ‘ऑपरेशन साइलेंट वाइपर’शुरू किया गया था, जिसके बाद उसे पकड़ा जा सका।