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शर्मनाक: कॉलेज में छात्राओं से पीरियड्स में नहीं होने के मांगे गए सबूत, जबरन उतरवाए उनके अंतरवस्त्र

Updated Feb 14, 2020 | 15:41 IST

Gujarat News: गुजरात के भुज जिले के एक कॉलेज से समाज को शर्मसार करने वाली खबर सामने आ रही है। यहां पर छात्राओं को माहवारी ना होने का सबूत देने के लिए अंतरवस्त्र उतारने पर मजबूर किया गया।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
कॉलेज में छात्राओं से उतरवाए गए उनके अंतरवस्त्र

नई दिल्ली : गुजरात के भुज जिले से एक बेहद सनसनीखेज खबर सामने आ रही है। भुज में स्थित एक कॉलेज के प्रिंसिपल ने कथित तौर पर छात्राओं से बेहद अपमानजनक चीजें करने को कही। प्रिंसिपल पर आरोप है कि उसने पीरियड्स से गुजर रही छात्राओं के साथ कॉलेज परिसर में लोगों से छुआछूत रखने को कहा था। उसने कहा था कि ऐसी छात्राएं दूसरे छात्रों से बातचीत नहीं कर सकती हैं ना ही उन्हें छू सकती हैं।

कॉलेज प्रिंसिपल के इस अजीबोगरीब आदेश पर लोगों को गुस्सा फूट पड़ा है और लोग उसके विरोध में उतर आए हैं। आरोप है कि प्रिंसिपल के अलावा कॉलेज के अन्य स्टाफ ने मिलकर करीब दर्जनों छात्राओं के साथ अपमानजनक व्यवहार किया। उन पर आरोप है कि उन्होंने उन छात्राओं को जबरन दौड़ाया था और उन्हें उनके अंतर्वस्त्र उतार कर साबित करने को कहा था कि वे माहवारी से नहीं गुजर रही है।

अहमदाबाद मिरर की एक रिपोर्ट के मुताबिक भुज के इस कॉलेज में इस तरह के व्यवहार के जरिए शिक्षण संस्थानों का नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है। उन्हें किचन और मंदिर आदि जगहों से दूर रहने को कहा गया है।

ये है पूरा मामला
करीब 1,500 स्टूडेंट ने कॉलेज में रजिस्ट्रेशन कराया था। वहीं प्रिंसिपल को कहीं से खबर मिली कि पीरियड्स से गुजर रही छात्राएं किचन और मंदिर एरिया में प्रवेश कर रही हैं जो कि प्रतिबंधित है। ये खबर मिलने के बाद प्रिंसिपल ने अपने स्टाफ के साथ मिलकर उन छात्राओं के वॉशरुम में बुला कर उन्हें अपने अंतरवस्त्र उतार कर माहवारी में ना होने का सबूत देने को कहा। 

जब लड़कियों ने विरोध किया तो हॉस्टल में रहने वाली वॉर्डन ने उनसे कहा कि वह चाहे तो उनके खिलाफ कोर्ट जा सकती है लेकिन शर्त ये है कि उन्हें स्कूल हॉस्टल छोड़ना होगा कि और डिक्लरेशन फॉर्म पर साइन करना होगा जिसमें लिखा है कि उनके साथ कुछ गलत नहीं हुआ है। कुछ कॉलेज स्टाफ ने छात्राओं के परिजनों को पुलिस में ना जाने के लिए धमकी भी दी है।

कॉलेज की डीन का गैरजिम्मेदाराना बयान 
इस पूरे घटनाक्रम पर कॉलेज की डीन का बेहद गैरजिम्मेदाराना बयान सामने आया है। कॉलेज की डीन दर्शना ढोलकिया ने इस पूरे मामले पर कहा कि चूंकि ये मामला हॉस्टल का है इसलिए इसमें यूनिवर्सिटी व कॉलेज कुछ नहीं कर सकता है। सब कुछ छात्राओं की अनुमति से हुआ है, किसी ने उनके साथ जबरदस्ती नहीं की है। किसी ने उन्हें टच नहीं किया है। फिर भी जांच टीम इसके लिए लगाई गई है।

महिला आयोग ने लिया संज्ञान
इस पूरे मामले पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने संज्ञान लिया है। महिला आयोग ने इस पूरे मामले की जांच के लिए एक टीम गठित करेगी। ये टीम कॉलेज जाकर उन छात्राओं से भी मुलाकात करेगी। इस पर जांच के लिए कॉलेज की तरफ से उठाए गए कदमों को लेकर कॉलेज की डीन से रिपोर्ट भी मांगे गए हैं। इस पर कॉलेज को लिखित चिट्ठी लिखकर उनकी स्पष्टीकरण मांगा गया है। उन्होंने कॉलेज की लड़कियों से आगे बढ़कर इस मामले के बारे में खुलकर बताने की अपील की है।