- 14 सितंबर को हाथरस के सादाबाद इलाके में वारदात को अंजाम
- पीड़िता को पहले अलीगढ़ के अस्पताल में कराया गया था भर्ती, हालात खराब होने पर दिल्ली किया गया शिफ्ट
- 15 दिन के संघर्ष के बाद पीड़िता की मौत, सभी आरोपी किए गए गिरफ्तार
लखनऊ। हाथरस की बिटिया अब इस दुनिया में नहीं है। करीब 15 दिन वो मौत से संघर्ष करती रही। लेकिन मौत उसकी जिंदगी पर भारी पड़ी। उसके लिए वो दिन काला साबित हुआ जब चार दबंगों ने हैवानियत का शिकार बनाया। दरिंदों ने न केवल शारीरिक शोषण किया बल्कि शारीरिक छति पहुंचाई। पहले यह खबर सामने आ रही थी कि चारों आरोपियों ने न केवल पीड़िता की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी बल्कि वो कुछ बोल न सके लिहाजा जीभ भी काट दी।लेकिन जीभ काटे जाने वाली खबर से हाथरस जिला प्रशासन ने इंकार किया है।
हाथरस जिला प्रशासन की सफाई
हाथरस के डीएम का कहना है कि रेप और मर्डर केस में चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। एससी-एसटी ऐक्ट के तहत पीड़िता के परिवार को 10 लाख रुपए की आर्थिक मदद दी गई है। लेकिन जीभ काटने वाली पूरी तरह बेबुनियाद है। 14 सितंबर को लड़की के गांव के ही चार लोगों ने उसके साथ हैवानियत की। पुलिस ने मामले में सभी चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। बताया जाता है कि दलित लड़की के साथ दरिंदगी करने वाले चारों आरोपी ऊंची जाति से हैं। पीड़ित लड़की के घरवालों का आरोप है कि मामले में पुलिस ने पहले उनकी मदद नहीं की लेकिन इस घटना पर लोगों का जब गुस्सा बढ़ा तो वह कार्रवाई करने के लिए आगे आई।
महिला आयोग की दिलचस्प टिप्पणी
इन सबके बीच राष्ट्रीय महिला आयोग की तरफ से भी बयान आया है। एनसीडब्ल्यू की चेयरपर्सन रेखा शर्मा का कहना है कि जब इस घटना के बारे में जानकारी मिली तो उसी समय संज्ञान में लिया गया। लेकिन दुर्भाग्य की है पीड़िता अब इस दुनिया में नहीं है। हम लोग उसके परिवार की हरसंभव मदद करेंगे। इस तरह की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए हमें समाज के मनोविचार को बदलना होगा।