Cyber Crime: डिजिटलीकरण के इस नए युग में साइबर धोखाधड़ी के मौजूदा खतरे के बावजूद ऑनलाइन बैंकिंग सभी के लिए एक जरूरत बन गई है। हालांकि कोविड -19 की शुरुआत से पहले ही साइबर क्राइम बढ़ रहा था, लेकिन महामारी ने इस साइबर क्राइम को और भी अधिक तेज कर दिया है। देश में रोजाना साइबर क्राइम के कई मामले सामने आ रहे हैं। वहीं अगर आप कभी भी किसी साइबर क्राइम का शिकार बनते हैं, तो आपको तुरंत 1930 पर कॉल कर अपनी शिकायत दर्ज करानी चाहिए।
देश में बढ़ते जा रहे हैं साइबर क्राइम के मामले
साइबर क्राइम का शिकार बनने पर 1930 पर करें कॉल
गृह मंत्रालय की ओर से लोगों की मदद करने के लिए ही 1930 नंबर को साइबर वित्तीय धोखाधड़ी हेल्पलाइन के रूप में पेश किया गया है। 1930 पर कॉल करने पर आपसे आपके द्वारा वित्तीय लेन-देन की डिटेल दिए जाने के तुरंत बाद एक सिस्टम शुरू हो जाएगा और जहां कहीं भी आपका पैसा गया है, वहां पुलिस तुरंत कार्रवाई करेगी। संदिग्ध ऑनलाइन लेन-देन के पहले कुछ घंटों में आपसे चुराए गए पैसे की वसूली की संभावना सबसे अधिक होती है। अगर पीड़ित तुरंत मामला दर्ज कराता है तो साइबर अपराधियों को ट्रैक करने की संभावना अधिक होती है।
इसके अलावा आप ऐसे अपराधों की सूचना राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (www.cybercrime.gov.in) पर भी दी जा सकती है। ये पोर्टल सभी वित्तीय मध्यस्थों जैसे बैंक, वॉलेट और ऑनलाइन व्यापारियों से जुड़ा है। पुलिस की साइबर क्राइम विंग इस पोर्टल का उपयोग बैंकों के साथ संवाद करने के लिए करती है और इसी तरह धोखाधड़ी वाले लेनदेन को फ्रीज करने के लिए ताकि धोखाधड़ी करने वालों के हाथों में पैसा जाने से रोका जा सके।
चाहे वित्तीय ऐप हो या गेम ऐप, अपने मोबाइल फोन पर एप्लिकेशन इंस्टॉल करने का ध्यान रखें और सुनिश्चित करें कि आप एक वेरिफाइड ऐप का उपयोग कर रहे हैं। केवल वेरिफाइड प्ले स्टोर जैसे Google Play Store, Apple App Store या Windows App Store से ही ऐप को डाउनलोड करें।