- एमपी के इंदौर में बड़े ड्रग्स रैकेट का खुलासा हुआ, ड्रग वाली आंटी निकली सरगना
- 5 साल पहले वह अपने बेटे के साथ पुणे से इंदौर आई प्रीति जैन है करोड़ों की मालकिन
- पुलिस जांच में हो रहे हैं कई हैरान कर देने वाले खुलासे
इंदौर: नशे के कारोबार के खिलाफ आजकल इंदौर की पुलिस ने एक अभियान छेड़ा है और इसके तहत लगातार ड्रग पैडलरों की पहचान कर उन पर कार्रवाई की जा रही है। पुलिस को अपने अभियान में सबसे अहम सफलता उस समय हाथ लगी जब नशे के कारोबार से जुड़ी एक महिला को पुलिस ने धर दबोचा। यह महिला रसूखदार होने के साथ- साथ ड्रग की सप्लाई भी करती थी। पुलिस ने प्रीति जैन उर्फ सपना उर्फ आंटी को पुलिस ने ड्रग सप्लाई के आरोप में गिरफ्तार किया है जबकि अभी तक 8 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
पुलिस पूछताछ में कई खुलासे
पुलिस पूछताछ में महिला यानि 'ड्रग वाली आंटी' ने कई खुलासे किए हैं जिन्हें जानकर पुलिस भी हैरान है। महिला के तार मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि गोवा और मुंबई तक जुड़े हैं। 'ड्रग वाली आंटी' कई बड़े कारोबारियों, बिल्डर्स, पब संचालकों को ड्रग की सप्लाई कर चुकी है और एक महीने में करीब 10 लाख रुपये की ड्रग सप्लाई करती थी। ड्रग की सप्लाई कोर्ड वर्ड के जरिए होती थी और इसके लिए चॉकलेट, रिया, माल, म्याऊं, म्याऊं, मम्मी जैसे कोर्डवर्ड का इस्तेमाल होता था।
200 लड़किया ग्राहक
आंटी के ग्राहक रसूखदार लोग हैं जो मंहगी लग्जरी गाड़ियों में आते थे। लाखों के गहने पहनी आंटी को जब पुलिस ने गिरफ्तार किया तो वह अंग्रेजी बोलकर पुलिस पर रौब दिखाने लगी और सब इंसपेक्टर से कहने लगी, 'आपकी हिम्मत कैसे हुई मुझे हाथ लगाने की'। इस दौरान आंटी को छुड़ाने तीन लड़कियां भी पहुंच गई जो उसकी ग्राहक थी। अभी तक की पूछताछ में जो बात सामने निकलकर आई है उसके मुताबिक प्रीति जैन उर्फ आंटी के करीब 200 लड़कियां भी ग्राहक थी जो कोकिन और ड्रग की एडिक्ट हैं। ये सभी बड़े रसूखदार घरों से ताल्लुक रखती हैं।
पांच साल में बनाई करोड़ों की दौलत
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रीति जैन उर्फ ड्रग वाली आंटी करीब 5 साल पहले अपने बेटे का साथ पुणे से इंदौर आई थी। इन पांच साल के दौरान ही उसने ड्रग का ऐसा कारोबार किया कि करोड़ों की संपति अर्जित कर ली। इंदौर के वीवीआईपी इलाके में प्रीति जैन की शानदार कोठी है। ड्रग के लगातार फैल रहे कारोबार को देखते हुए खुद सीएम शिवराज भी हैरान हैं और इस कारोबार पर रोक लगाने के लिए उन्होंने एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई जिसमें तमाम प्रशासन के बड़े अधिकारी शामिल हुए।