- गत 28 जून को उदयपुर में हुई दर्जी कन्हैयालाल की हत्या
- इस हत्याकांड की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी कर रही है
- घटनास्थल पर आज क्राइम सीन री-क्रिएट करेगी NIA
Kanhaiyalal murder case : कन्हैयालाल मर्डर केस की जांच में जुटी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। जांच एजेंसी की टीम बुधवार रात उदयपुर पहुंच गई। उदयपुर पहुंचते ही इसने आरोपियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। दर्जी कन्हैयालाल की हत्या के नौ दिन बाद जांच एजेंसी आज क्राइम सीन री-क्रिएट करेगी और यह जानने की कोशिश करेगी कि इस नृशंस हत्याकांड को कैसे अंजाम दिया गया। एनआईए रियाज गौस के ठिकानों की भी जांच करेगी। इस हत्याकांड की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। जांच में कुछ और लोगों के नाम सामने आए हैं, इनसे भी पूछताछ की जाएगी।
एक और मददगार के बारे में पता चला
रियाज और गौस के एक और मददगार के बारे में पता चला है। यह शख्स पेट्रोल पंप पर रियाज और गौस की मोटरसाइकिल में पेट्रोल भरवाता नजर आया है। पुलिस इस शख्स की भी तलाश करेगी। एनआईए कन्हैयालाल मर्डर से जुड़े हर एक पहलू की बारीकी से जांच कर कड़ियों को जोड़ना और पूरे मामले से परदा उठाना चाहती है।
28 जून को हुई कन्हैयालाल की हत्या
कन्हैयालाल मर्डर केस में एनआईए ने एफआईआर दर्ज की है। इस एफआईआर में कहा गया है कि लोगों में दहशत पैदा करने के लिए रियाज और गौस ने सोशल मीडिया पर कन्हैयालाल की हत्या का वीडियो शेयर किया था। कन्हैयालाल की हत्या गत 28 जून को हुई। एनआईए आरोपियों के सोशल मीडिया रिकॉर्ड्स खंगाल रही है। जांच एजेंसी की रडार पर वे संदिग्ध सोशल मीडिया ग्रुप हैं जिनसे मोहम्मद रियाज और गौस जुड़े हुए थे। सोशल मीडिया में रियाज और गौस से जुड़े लोगों को चिन्हित किया गया है। इन सोशल मीडिया ग्रुप में कट्टरपंथी सोच वाले हजारों पोस्ट शेयर किए गए हैं।
Kanhaiyalal murder: कन्हैयालाल की हत्या के बाद देश से भागने की फिराक में थे रियाज और गौस, नए खुलासे
कानपुर से मंगवाए थे 6 छुरे
रिपोर्टों के मुातबिक उदयपुर में दर्जी कन्हैयालाल की जिस दिन हत्या हुई उस दिन दो और लोगों की हत्या होनी थी। आरोपियों ने इसका प्लान बनाया था लेकिन दो लोगों की रेकी नहीं हो पाने पर इनकी हत्या नहीं हो सकी। रियाज ने तालिबानी तरीके से लोगों की हत्या करने के लिए कानपुर से 6 छुरे मंगवाए थे। दो अन्य लोगों की हत्या करने की जिम्मेदारी चार लोगों को सौंपी गई थी।