- हत्या और दुष्कर्म के दोषी को अदालत ने मौत की सजा सुनाई है
- दोषी शख्स को दुष्कर्म व मर्डर के चौथे मामले में यह सजा हुई है
- इससे पहले उसे 3 ऐसे ही अन्य मामलों में भी सजा हो चुकी है
मंगलुरु : कर्नाटक में मंगलुरु की अदालत ने दक्षिण कन्नड़ जिले के बंटवाल में एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की हत्या के जुर्म में दोषी को मौत की सजा सुनाई है। मामला करीब 14 साल पुराना है। आरोप है कि वह महिलाओं से पहले दोस्ती करता था और फिर उनके साथ संबंध बनाने के बाद उनकी हत्या कर देता था, ताकि उसकी करतूतों के बारे में किसी को भी खबर न हो।
मोहन नाम का वह शख्स जिस तरीके से महिलाओं के साथ दोस्ती कर अपने मंसूबों को अंजाम देता था, उसके चलते वह 'साइनाइड मोहन' के नाम से भी कुख्यात हो गया। उस पर बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा बस स्टेशन पर एक महिला के साथ दोस्ती गांठने और फिर लॉज में ले जाकर बलात्कार और उसकी हत्या का आरोप साबित हुआ है, जिस मामले में गुरुवार को उसे मौत की सजा सुनाई गई।
अदालत ने मंगलवार को उसे कई अन्य अपराधों में भी दोषी ठहराया। गुरुवार को उसे अपहरण के लिए 10 साल, दुष्कर्म के लिए 7 साल, जहर देने के लिए 10 साल, डकैती के लिए 5 साल की सजा सुनाई। हालांकि उसकी मौत की सजा पर अमल तभी होगा, जब हाई कोर्ट से इसकी पुष्टि होगी। उसकी मौत की सजा की पुष्टि तक उक्त सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
मोहन पर कई महिलाओं को अपनी अलग-अलग पहचान बता कर उनसे दोस्ती करने और फिर शादी का झांसा देकर उनके साथ संबंध बनाने का आरोप है। इस क्रम में अधिक महिलाएं गर्भवती हो जाती थीं तो वह उन्हें साइनाइड युक्त गर्भनिरोधक गोलियां देकर मार डालता था। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की हत्या के मामले में उसे 2009 में गिरफ्तार किया गया था।
उस पर इससे पहले भी ऐसी वारदातों को अंजाम देने का आरोप लग चुका है। इससे पहले उसे दुष्कर्म व हत्या के तीन मामलों में मौत की सजा हुई थी, लेकिन कर्नाटक हाई कोर्ट ने दो मामलों में मौत की सजा को पलटते हुए इसे आजीवन कारावास में बदल दिया था।