- बिहार में जहरीली शराब से कम से कम 27 लोगों की मौत
- बेतिया और गोपालगंज में हुई मौतें
- विपक्ष ने नीतीश सरकार पर कसा तंज, शराब बिक्री पर जीरो टॉलरेंस नीति कहां है
बिहार में जहरीली शराब से हुई मौत पर एक बार फिर राजनीति गरम है। विपक्ष का सवाल है कि जब राज्य में पूर्णरूप से शराबबंदी लागू है तो अवैध शराब क्यों और कैसे बिक रही है। बिहार सरकार में मंत्री शाहनवाज हुसैन का कहना है कि बेहद दुखद घटना है। इसके लिए गहराई से जांच कराई जाएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। इस बीच एक और मंत्री सुनील कुमार ने बताया कि बेतिया जिले में दो और लोगों की मौत हुई जिसमें अवैध शराब वजह हो सकती है हालांकि अभी पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है। बड़ी बात तो यह है कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि पता नहीं कैसे बन रहा है लोग मरते चले जा रहे हैं।
बिहार सरकार में मंत्री सुनील कुमार का बयान
बिहार सरकार में मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि शराबबंदी के बाद से हमने कई कड़े कदम उठाए हैं। अब तक 187 लाख लीटर से अधिक शराब जब्त की गई, 3 लाख से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया और लगभग 60,000 वाहन जब्त किए गए। हम सरकारी अधिकारियों सहित सभी पर कार्रवाई कर रहे हैं। अब तक 700 से अधिक अधिकारी निलंबित किए गए हैं।
पुलिस अधिकारियों ने मौके का मुआयना किया है। कई जगहों पर छापेमारी की जा रही है, कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है. मैं स्वीकार करता हूं कि स्थानीय स्तर पर कुछ लापरवाही के कारण यह घटना हुई। दोनों थाना प्रभारी सस्पेंड, 1 गार्ड भी सस्पेंड किया गया है।
जहरीली शराब से हुई मौत पर विपक्ष गरम
बिहार के गोपालगंज एवं पश्चिम चंपारण जिले में संदिग्ध हालात में कम से कम 27 लोगों की मौत हुई है। बताया जा रहा है कि इन सभी लोगों की मौत जहरीली शराब पीनी की वजह से हुई है। गोपालगंज जिले में 17 और बेतिया में 10 लोगों की मौत हुई है। जहरीली या नकली शराब से होने वाली मौतों पर विपक्ष ने तंज भी कसा। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव का ट्वीट खास था। “जब गड़बड़ चीज पीजियेगा तो आप चले जाइयेगा”- नीतीश जी शराबबंदी पर बड़बड़ करने वालों के राज में विगत 3 दिनों में ही जहरीली शराब से 50 से अधिक मौतें हो चुकी है। मुख्यमंत्री स्वयं, प्रशासन, माफिया और तस्कर पुलिस पर कारवाई की बजाय पीने वालों को कड़ा सबक सिखाने की धमकी देते रहते है।
क्या कहते हैं लोग और जानकार
अब सवाल यह है कि जब राज्य सरकार बार बार बयान देती है कि शराब की बिक्री पर जीरो टॉलरेंस है तो शराब कहां से आ रहा है। इस संबंध में बेतिया और गोपालगंज के कुछ लोगों से समझने की कोशिश की गई। लोगों का कहना है कि यह बात सच है कि शराबबंदी की वजह से शराब पीने वालों की संख्या में कमी आई है। लेकिन शराब तस्करी और ईंट भट्टों पर बनने वाली शराब पर रोक व्यवहारिक तौर पर नहीं है। ईंट भट्टों पर जो शराब बनती है उसमें उतनी सावधानी नहीं बरती जाती है लिहाजा शराब के जहरीला होने की संभावना अधिक है।
गोपालगंज के एक शख्स ने कहा कि मौतों की संख्या खुद में जवाब है कि प्रशासन कितनी निगरानी रख रहा होगा। यह बात तो सबको पता है कि राज्य में शराबबंदी है। लेकिन दूसरा सच यह भी है कि धड़ल्ले से पुलिस प्रशासन की सरपरस्ती में शराब बनाने का व्यवसाय तरक्की कर रहा है।