- कोविड-19 के लिए अनुदान जुटाने के लिए व्यक्ति ने ओएलएक्स पर दिया सेल का विज्ञापन
- प्राधिकरण की शिकायत पर गुजरात पुलिस ने मामला दर्ज किया, मामले की जांच शुरू
- व्यक्ति ने स्टैच्यू की कीमत 30,000 करोड़ रुपए लगाई है, प्राधिकरण ने दर्ज कराई शिकायत
नई दिल्ली : देश इस समय कोरोना वायरस के संकट के दौर से गुजर रहा है। कोरोना की चुनौती को मात देने के लिए सरकार और लोग दोनों गंभीर है लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इस मुश्किल दौर में मसखरी करने से चूक नहीं रहे। गुजरात में एक व्यक्ति ने दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा स्टूच्यू ऑफ यूनिटी को ओएलएक्स पर बेचने के लिए विज्ञापन दिया है। व्यक्ति की इस हरकत के बाद स्टैच्यू ऑफ यूनिटी प्राधिकरण रविवार को पुलिस के पास गया और इसकी शिकायत नर्मदा जिले के केवडिया पुलिस से की।
बता दें कि व्यक्ति ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की कीमत 30,000 करोड़ रुपए लगाई है। डिप्टी असिस्टेंट कमिश्नर नीलेश दुबे ने कहा कि विज्ञापन का सत्यापन किए बगैर ओएलएक्स ने इस अपनी वेबसाइट पर जगह दी। हमने इस बारे में शिकायत दर्ज कर ली है। ओएलएक्स पर दिए गए विज्ञापन में कहा गया है, 'इमरजेंसी! अस्पताल एवं स्वास्थ्य उपकरणों की खरीदारी के लिए पैसों की तत्काल जरूरत है इसलिए स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को बेचा जा रहा है।' एक स्थानीय समाचार पत्र में इस विज्ञापन के बारे में खबर छपने के बाद प्राधिकरण हरकत में आया और उसने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई।
इस घटना के बारे में पुलिस अधिकारी का कहना है कि यह अत्यंत चिंतनीय है कि ओएलएक्स ने पहली नजर में इस विज्ञापन का सत्यापन नहीं किया और इसे अपनी वेबसाइट पर जगह दे दी। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि प्राधिकरण से इस संबंध में हमें एक शिकायत मिली है और हमने एफआईआर दर्ज कर ली है। ओएलएक्स पर यह विज्ञापन कहां से डाला गया इस बारे में हम पता कर रहे हैं।
बता दें कि 31 अक्टूबर 2018 को सरदार वल्लभ भाई पटेल की जंयती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का उद्घाटन किया गया। देश में कोरोना वायरस से प्रकोप को देखते हुए स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है। सरदार पटेल की इस विशालकाय प्रतिमा को देखने के लिए रोजाना हजारों की संख्या में पर्यटक आते हैं। सरदार पटेल की यह प्रतिमा नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध से 3.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसकी लंबाई 182 मीटर है।