- आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में दो बेटियों की बेरहमी से हत्या करने वाले दंपति गिरफ्तार
- बेटियों की हत्या के बाद मां उनके शव के पास डांस कर रही थी
- पूरा परिवार किसी अंधविश्वास में बुरी तरह फंसा हुआ था
चित्तूर: आंध्र प्रदेश के चित्तूर स्थित मदनपल्ली में एक गुप्त अनुष्ठान के तहत अपनी दो जवान बेटियों की हत्या करने वाले दंपति को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। रविवार को जब पुलिस इस दंपति के घर पर पहुंची थी तो वह भी हैरान रह गई क्योंकि अंदर जो बेटियों की लाश पड़ी हुई थी और मां-बाप के चेहरे पर शिकन तो दूर की बात, वो खुश हो रहे थे। मां तो अपनी बेटियों की लाश के बगल में गाना गाकर डांस कर रही थी। ऐसी हरकतें देखकर पुलिस भी चकित रह गई।
'कोरोना चीन से नहीं पैदा हुआ'
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस दौरान लड़कियों की मां पद्मजा ने चिल्लाते हुए कहा कि कोरोनावायरस चीन से पैदा नहीं हुआ था बल्कि देवताओं द्वारा कलयुग के "बुरे तत्वों" से छुटकारा पाने के लिए इसे बनाया गया था। इतना ही नहीं जब पुलिस ने हत्यारी मां को आरटी-पीसीआर टेस्ट करवाने के लिए कहा गया, तो उसने कहा, 'कोरोना चीन से नहीं आया ... यह शिव से आया। मैं शिव हूं और कोरोना मार्च तक चला जाएगा। मुझे कोरोना टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है।'
अंधविश्वासी था परिवार
रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने कहा कि मृतक बेटियों सहित पूरा परिवार पूरी तरह से किसी अंधविश्वास में लिप्त था। रविवार की रात पुलिस ने मृतक बेटियों पिता के एक सहयोगी द्वारा दी गई सूचना के बाद दंपति को अरेस्ट किया था। दंपति ने अपनी बड़ी बेटी अलेखा को उसके सिर डंबल का इस्तेमाल करके मारा था जबकि छोटी बेटी साईं दिव्या पर त्रिशूल से वार किया गया था। जब पुलिस वहां पहुंची तो हैरान रह गई और दंपति दावा करने लगे कि दोनों बेटियां सुबह तक जीवित हो जाएंगी।
स्वर्ग के संकेत?
इस दंपति ने पुलिस को बताया था कि उन्हें 'स्वर्ग से संकेत' मिले थे और बताया कि यहां 'चमत्कारी घर' था। डीएसपी रवि मोहना चैरी ने के मुताबिक, 'जब हम घर में घुसे तो उन्होंने हमें बताया कि एक चमत्कार होने वाला था। उन्होंने हमें बताया कि सुबह होने वाले जादू के बाद पूरी दुनिया के बारे में बात की जाएगी।' दंपति मेहर बाबा, साईं बाबा और रजनीश या ओशो के अनुयायी थे। अपराध स्थल पर, मेहर बाबा की एक तस्वीर मिली थी और सोशल मीडिया पर मृतक बेटी के हालिया पोस्ट ने उनके आध्यात्मिक झुकाव की पुष्टि की है।
पढ़ा लिखा था परिवार
गौर करने वाली बात ये है कि पूरा परिवार पढ़ा लिखा था लेकिन अंधविश्वास में गिरफ्त था। मां पद्मजा चित्तूर में एक कॉरपोरेट स्कूल के संवाददाता और प्रधानाचार्य हैं और पुरुषोत्तम मदनपल्ली में गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज में रसायन विज्ञान विभाग से एसोसिएट प्रोफेसर हैं। उनकी बड़ी बेटी अलेक्या भारतीय वन प्रबंधन संस्थान की छात्रा थी और साईं दिव्या बीबीए स्नातक थीं।