गाजियाबाद : मुरादनगर श्मशान घाट में हुए हादसे के बाद उत्तर प्रदेश सरकार दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कह रही है लेकिन सरकार के अधिकारियों की चुस्ती और मुस्तैदी यदि पहले दिखी होती तो इतना बड़ा हादसा नहीं होता और 25 लोगों को अपनी जान से हाथ नहीं धोना पड़ता। इस त्रासदीपूर्ण घटना के बाद स्थानीय लोग बाहर आ रहे हैं और निर्माण कार्य में लगी घटिया सामग्री के बारे में अपना मुंह खोल रहे हैं। लोगों का कहना है कि गलियारे की छत के निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया।
निर्माण में घटिया सामग्री का हुआ इस्तेमाल
टाइम्स नाउ से बातचीत में एक व्यक्ति ने कहा कि छत के निर्माण में सिमेंट का बहुत कम इस्तेमाल हुआ। छत को 10-1 के मसाले से ढाला गया। मतलब कि 10 बाल्टी बालू में एक बाल्टी सिमेंट का इस्तेमाल। यही नहीं छत में लोहे की मोटे सरियों की जगह पतली सरियां इस्तेमाल में लाई गईं। छत को खड़ी करने के लिए बनाए गए पीलर की गहराई भी बहुत कम थी। छत की नीव इतनी कमजोर थी कि वह बारिश के दबाव को बर्दाश्त नहीं कर पाई।
'समझ नहीं पाया और मैं मलबे में दब गया'
एक शख्स ने बताया, 'जब छत गिरी तो मैं समझ नहीं पाया कि क्या हुआ है। मेरा आधा शरीर मलबे के बड़े टुकड़ों के बीच फंसा था। मलबे में दबे हाथ-पैर और पसली में भयंकर दर्द हो रहा था। गनीमत रही कि सिर मलबे के बाहर था। दीवार तोड़कर एक जेसीबी अंदर घुसी तो उम्मीद जगी कि शायद अब बच जाऊंगा। जेसीबी ने काम शुरू किया तो मलबा भरभराकर गिरने लगा। ये सोचकर दिल कांप उठा कि कहीं जेसीबी कोई टुकड़ा उठाए और वो मेरे ऊपर न गिर जाए।'
हादस में 25 लोगों की जान गई
गत रविवार को एक व्यक्ति के अंतिम संस्कार में शामिल होने गए लोग श्मशान घाट की छत गिरने की घटना का शिकार हो गए। इस हादसे में 25 लोगों की जान गई। पुलिस ने मामले के मुख्य आरोपी अजय त्यागी सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। इस घटना ने मुरादनगर के नगर निगम अधिकारियों की भ्रष्टाचार की पोल खोल दी है। ठेकेदार त्यागी के बताया जाता है कि नगर निगम में खासा रसूख था। वह अपना जन्मदिन भी निगम ऑफिस में ही मनाता था। त्यागी ने मंगलवार को पुलिस की पूछताछ में बताया कि वह ठेके के लिए 28 से 30 प्रतिशत का कमीशन अधिकारियों को देता था। यह नहीं श्मशान घाट के ठीके के लिए उसने 16 लाख रुपए की घूस अधिकारियों को पहुंचाई थी।
सीएम ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं
मुरादनगर की घटना पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। घटना पर नाराजगी जताते हुए सीएम ने कहा कि इस तरह की लापरवाही अक्षम्य है। ऐसे अपराध करने वाले अफसरों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। सीएम ने दोषियों के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई करने और पीड़ितों को दिए जाने वाले मुआवजे की भरपाई उन्हीं से कराने का निर्देश दिया है।