नई दिल्ली : मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस मामले में नया अपडेट सामने आया है। दिल्ली की एक कोर्ट ने इस मामले में 19 आरोपियों को दोषी करार दे दिया है। इसमें एनजीओ के मालिक ब्रजेश ठाकुर का नाम भी शामिल है। उस पर बिहार के मुजफ्फरपुर जिला शेल्टर होम में लड़कियों के साथ यौन शोषण का आरोप है। इसमें एक आरोपी को बरी कर दिया गया है।
बता दें कि एनजीओ मालिक ब्रजेश ठाकुर समेत 19 दोषियों के ऊपर शेल्टर होम में लड़कियों के साथ शारीरिक व यौन हिंसा का आरोप था। इस मामले में दिल्ली स्थित साकेत कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए इन्हें दोषी करार दे दिया है।
हालांकि अभी तक इनकी सजा का ऐलान नहीं किया गया है। कोर्ट जल्द ही इनकी सजा का भी ऐलान करेगा। कानूनविदों के मुताबिक उन्हें कम से कम 10 साल की जेल और अधिकतम उम्रकैद की सजा दी जा सकती है।
क्या था मामला
2018 में सामने आया मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस बहद चर्चा में रहा था। बिहार से लेकर दिल्ली तक इसने सुर्खियां बटोरी थी। यह शेल्टर होम बिहार पीपुल्स पार्टी (BPP) के पूर्व विधायक बृजेश ठाकुर द्वारा संचालित था।
रिपोर्ट के मुताबिक शेल्टर होम में बच्चियों के साथ न केवल बलात्कार हुआ बल्कि यहां लड़कियां प्रेग्नेंट भी हुईं। नीतीश सरकार की मंत्री मंजू वर्मा का नाम आने के बाद उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ब्रजेश ठाकुर से मंजू वर्मा के पति की जनवरी से करीब 17 बार बात हुई थी।
इसके अलावा उन पर ये भी आरोप थे कि शेल्टर होम में कई लड़कियों की मौत भी हुई थी औऱ उन्हें वहीं परिसर में दफना दिया गया था हालांकि जांच में ये बात सही नहीं साबित हुई।
नशीला पदार्थ खिलाकर करता था यौन शोषण
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम यौन शोषण मामले में प्रमुख आरोपी ब्रजेश ठाकुर वहां रह रहे लड़कियों को छोटे कपड़ों में अश्लील गानों पर अश्लील डांस करने और अपने गेस्ट के साथ सेक्स करने के लिए मजबूर करता था।
जिस लड़की ने भी गेस्ट को इंटरटेन करने से मना किया तो उसे रात में खाने के लिए सिर्फ रोटी और सलाद दिए गए लेकिन लड़की ने डांस किया उसे अच्छा भोजन दिया गया। जांच से पता चला कि ठाकुर के गेस्ट ने लड़कियों को नशीला पदार्थ खिलाया गया और उनका यौन शोषण किया गया। चार्जशीट में ठाकुर समेत 21 लोगों के नाम हैं और 33 पीड़ितों समेत 101 अन्य लोग गवाह हैं।