- बुल्ली बाई ऐप का मुख्य आरोपी असम से किया गया गिरफ्तार
- दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की IFSO टीम ने किया अरेस्ट
- लैपटॉप और मोबाइल से आवश्यक तकनीकी सबूत भी हुए बरामद- पुलिस
Bulli Bai ऐप मामले में मुख्य आरोपी और साजिशकर्ता नीरज बिश्नोई को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गिटहब पर 'बुली बाई' के निर्माता बिश्नोई को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा असम से गिरफ्तार कर दिल्ली लाया गया है। गिटहब पर इसी नीरज बिश्नोई ने बुल्ली बाई एप बनाया था और पिछले साल जुलाई माह में बुल्ली बाई नाम से ट्विटर पर एकाउंट भी बनाया था। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की IFSO टीम ने नीरज बिश्नोई को असम से गिरफ्तार किया है।
कई सबूत भी बरामद- पुलिस
नीरज बिश्नोई की गिरफ्तारी पर डीसीपी (आईएफएसओ) केपीएस मल्होत्रा ने बताया, 'बुल्ली बाई मामले के मुख्य साजिशकर्ता नीरज बिश्नोई को आज रात दिल्ली की अदालत में पेश किया जाएगा। उसने कबूल किया है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हमने उसके लैपटॉप और मोबाइल से आवश्यक तकनीकी सबूत हासिल कर लिए हैं। पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ किया गया है।' डीसीपी KPS मल्होत्रा के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई और एसीपी IFSO रमन लांबा के सुपरविजन में टीम को असम भेजा गया। जहां दिल्ली पुलिस ने कई रेड की इस दौरान आरोपी नीरज बिश्नोई तक टीम पहुंच पायी और उसको वहां हिरासत में लिया गया।
आरोपी का कबूलनामा
पूछताछ के दौरान आरोपी ने कबूला कि उसी ने Bulibai app को Github पर बनाया है और किसी ने ट्विटर पर @bulibai_ नाम से ट्विटर एकाउंट बनाया था। आरोपी नीरज कंप्यूटर साइंस में बीटेक की पढ़ाई कर रहा है और उसने पुलिस को पूछताछ में पूरी टाइम लाइन बताई कि नवंबर 2021 में उसने इस एप्प को बनाया था और दिसंबर में फाइनल अपडेट किया था और 31 दिसंबर को ट्वीटर एकाउंट बनाया था। डीसीपी IFSO KPS मल्होत्रा ने बताया कि आरोपी ने @sage0x1 नाम से एक और ट्वीटर एकाउंट बनाया था जिससे वो एप्प को लेकर आने वाले ट्वीट्स को फॉलो करता था।
मुंबई पुलिस भी कर चुकी है गिरफ्तारियां
आपको बता दें कि मुंबई पुलिस ने सॉफ्टवेयर मंच ‘गिटहब’ द्वारा होस्टेड ‘बुल्ली बाई’ ऐप पर सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं के फोटोग्राफ से छेड़छाड़ कर उन्हें ‘नीलामी’ के लिए अपलोड करने के मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है और कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया है। इस ऐप के तहत उपयोगकर्ताओं को ऐसी सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं के फर्जी ‘नीलामी’ में हिस्सा लेने की अनुमति होती है जिनके फोटोग्राफ से छेड़छाड़ कर उन्हें ऐप पर अपलोड किया गया है।
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