- मेडिकल ग्राउंड पर यूपी जाने से बचता रहा है गैंगस्टर एवं बसपा एमएलए मुख्तार अंसारी
- सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से अंसारी को यूपी पुलिस को सौंपने के लिए कहा है
- अंसारी की पत्नी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर उसकी हत्या की आशंका जताई है
लखनऊ : मोहाली कोर्ट में पेशी के लिए एंबुलेस से पहुंचे गैंगस्टर मुख्तार अंसारी की मुसीबतें और बढ़ गई हैं। दरअसल, यूपी नंबर वाली एंबुलेंस से मुख्तार के कोर्ट पहुंचने के मामले ने तूल पकड़ने के बाद यूपी पुलिस ने एंबुलेंस का रजिस्ट्रेशन नंबर चेक किया। इस जांच में एंबुलेंस का रजिस्ट्रेशन नंबर फर्जी निकला है। मऊ से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का विधायक अंसारी 31 मार्च को फिरौती के एक केस में मोहाली कोर्ट में पेश हुआ। यूपी में अंसारी के खिलाफ कई मामले हैं और वह वांछित है। गत मंगलवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में उसे कोर्ट में पेश किया गया। एंबुलेंस से निकलने के बाद वह वीलचेयर पर नजर आया। कोर्ट में पेशी के बाद उसे वापस एंबुलेंस से रूपनगर की जेल में भेज दिया गया।
फर्जी निकला एंबुलेंस का दस्तावेज
एंबुलेंस मामले में बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मुख्तार अंसारी की ओर से इस्तेमाल की गई एंबुलेंस मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस अधिकारी ने आगे कहा कि परिवहन विभाग द्वारा एंबुलेंस के बारे में दी गई सूचना से पता चला कि इसमें लगे दस्तावेज फर्जी थे। मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। फर्जी दस्तावेज बनाने वाले लोगों को खिलाफ कार्रवाई होगी। एंबुलेंस के रजिस्ट्रेशन के लिए डॉक्टर अल्का रॉय का नाम दिया गया था। रॉय के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है।
बाराबंकी का था एंबुलेंस का रजिस्ट्रेशन नंबर
पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद ने मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा कि अंसारी एक एंबुलेंस से पंजाब के एक कोर्ट में पेश हुआ। इस एंबुलेंस का रजिस्ट्रेशन नंबर बाराबंकी का था। पुलिस ने जब इस मामले की छानबीन की तो पता चला कि रजिस्ट्रेशन के लिए इस्तेमाल पैन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र और अन्य दस्तावेज फर्जी थे। इन दस्तावेजों पर दर्ज पते भी फर्जी निकले।
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस को सौंपने का आदेश दिया है
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि एक दोषी अथवा अंडरट्रायल कैदी जो देश के कानून की अवमानना करता है वह एक जेल से दूसरे जेल में भेजे जाने का विरोध नहीं कर सकता और कानून को यदि चुनौती दी जाती है तो कोर्ट केवल लाचार होकर मूकदर्शक नहीं बना रह सकता। शीर्ष अदालत ने पंजाब सरकार से अंसारी को यूपी पुलिस को सौंपने के लिए कहा है। कोर्ट ने कहा कि इलाज के बहाने उसे यूपी पुलिस को सौंपे जाने से इंकार नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने पंजाब सरकार को अंसारी को सौंपने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है।
अंसारी की पत्नी ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र
वहीं, अंसारी की पत्नी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लिखे पत्र में अपने पति के 'फर्जी एनकाउंटर' में मारे जाने की आशंका जताई है। गाजीपुर से बसाप सांसद अंसारी के भआई अफजल अंसारी का कहना है, 'मुख्तार के जीवन के खतरे से ध्यान हटाने के लिए भाजपा सरकार वीलचेयर और एंबुलेंस को मुद्दा बना रही है।'