Pradyuman murder case : साल 2017 में हरियाणा के एक चर्चित स्कूल में चार साल के एक छात्र की निर्मम हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है। पीड़ित परिवार ने हत्या के आरोपी छात्र को बालिग मानते हुए केस चलाने की मांग की थी जिस पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने इस मामले को दोबारा जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (जेजेबी) के पास भेज दिया है। अब जुवेनाइल कोर्ट यह फैसला करेगा कि आरोपी छात्र को वयस्क माना जाए कि नहीं। कोर्ट ने इस मामले में मृत बच्चे के पिता और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) दोनों की अपील खारिज कर दी है।
हत्या के समय आरोपी छात्र की उम्र 16 साल थी
कोर्ट ने कहा है कि आरोपी छात्र की मनोदशा का आंकलन जेजेबी को एक बार फिर नए सिरे से करना चाहिए। बता दें कि आरोपी छात्र इस समय 20 साल पांच महीने का हो चुका है। जब उसने प्रद्युम्न की हत्या की तो उसकी उम्र 18 साल से कम थी। उस समय आरोपी छात्र 11 वीं कक्षा का छात्र था और तब उसकी उम्र 16 साल थी। इससे पहले पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने भी आदेश दिया था कि आरोपी छात्र की मनोदशा की जांच नए सिरे से होनी चाहिए।
HC के आदेश के खिलाफ परिवार SC गया था
जेजेबी की अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि आरोपी को वयस्क मानते हुए उसके खिलाफ केस चलाया जाए। लेकिन आरोपी छात्र के माता-पिता की अपील पर हाई कोर्ट ने नए सिरे से जांच के लिए मामले को दोबारा जेजेबी के पास भेज दिया। कोर्ट ने कहा कि आरोपी छात्र की मनोदशा की जांच में उचित प्रक्रिया का पालन नहीं हुआ। हाई कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ प्रद्युम्न के माता-पिता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
क्या था यह केस
दरअसल, 11 वीं में पढ़ाई करने वाला छात्र पढ़ने में ठीक नहीं था। उसे पता था कि पीटीएम में उसकी शिकायत होने वाली है। इससे बचने और स्कूल बंद कराने के लिए उसने प्रद्युम्न की हत्या कर दी। उसे पता था कि हत्या की घटना सामने आने स्कूल को बंद कर दिया जाएगा। आरोपी छात्र ने स्कूल के टॉयलेट में मासूम की चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी। इस केस की जांच करते हुए गुड़गांव पुलिस ने हत्या के आरोप में बस कंडक्टर को गिरफ्तार किया। हालांकि, सीबीआई ने पुलिस की जांच थ्योरी को पलट दी। सीबीआई ने खुलासा किया कि प्रद्युम्न की हत्या कैसे और क्यों हुई।