जयपुर: राजस्थान पुलिस के विशेष कार्यबल (एसओजी) ने रविवार को राजस्थान पुलिस सेवा (आरपीएस) अधिकारी के साथ अपने छह साल के बेटे की मौजूदगी में कथित तौर पर यौन गतिविधियों में शामिल रही निलंबित महिला कांस्टेबल को रविवार को गिरफ्तार कर लिया। एसओजी के एक अधिकारी ने बताया कि महिला कांस्टेबल को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया जहां से उसे 17 सितंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। उन्होंने कहा कि गिरफ्तार आरपीएस अधिकारी हीरालाल सैनी भी 17 सितंबर तक पुलिस हिरासत में है।
अधिकारी ने बताया कि कांस्टेबल को कालवाड क्षेत्र से उसके चाचा के घर से गिरफ्तार किया गया। उन्होंने कहा कि कांस्टेबल को पॉक्सो अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया है और उससे वीडियो के संबंध में पूछताछ की जाएगी। उल्लेखनीय है कि एसओजी ने निलंबित आरपीएस अधिकारी हीरालाल सैनी को पोक्सो अधिनियम के तहत शुक्रवार को गिरफ्तार किया था। यह अधिकारी हाल ही में एक महिला कांस्टेबल के साथ आपत्तिजनक अवस्था वाले कथित वीडियो को लेकर विवाद में आया था। अधिकारी व महिला कांस्टेबल को विभागीय जांच के बाद नैतिक कदाचार के मामले में आठ सितंबर को निलंबित कर दिया गया था।
सूत्रों ने बताया कि वीडियो अजमेर जिले के पुष्कर कस्बा स्थित एक लग्जरी रिजॉर्ट में महिला कांस्टेबल के मोबाइल फोन से 10 जुलाई को बनाया गया था। आरपीएस अधिकारी हीरा लाल सैनी अजमेर के ब्यावर में क्षेत्राधिकारी के पद पर तैनात था जबकि महिला कांस्टेबल जयपुर में तैनात थी। महिला कांस्टेबल के जन्मदिन के मौके पर दोनों रिजॉर्ट पहुंचे थे। एसओजी सूत्रों के अनुसार रिजॉर्ट के कमरे से लगे एक निजी स्विमिंग पूल में अधिकारी और कांस्टेबल ने यौन गतिविधियां कीं। उनके साथ छह साल का बच्चा भी मौजूद था। महिला कांस्टेबल वीडियो क्लिप को एक अलग फोल्डर में सेव कर रही थी लेकिन अनजाने में उसने वीडियो अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर पोस्ट कर दिया जिसे उसके पति और परिवार के अन्य सदस्यों ने देख लिया।
वीडियो क्लिप सामने आने के बाद नैतिक दुराचार के आरोप में बुधवार को निलंबित हीरा लाल सैनी और कांस्टेबल के अलावा दो अन्य आरपीएस अधिकारियों तथा जयपुर एवं नागौर के दो थानाधिकारियों को ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया। महिला कांस्टेबल के पति ने दोनों के खिलाफ पोक्सो अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज करने संबंधी शिकायत नागौर पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में भेजी थी। शिकायत छितावा थानाधिकारी प्रकाशचंद मीणा को 10 अगस्त को भेजी गई थी लेकिन उन्होंने मामला दर्ज नहीं किया।
इससे पहले, जुलाई के आखिरी सप्ताह में महिला कांस्टेबल ने शिकायत दर्ज कराई थी कि किसी ने उसे फोन कर, उसके अश्लील वीडियो अपने पास होने की बात की और 10 लाख रुपये मांगे। इस मामले में छितावा थानाधिकारी प्रकाश चंद मीणा और कालवाड थानाधिकारी गुरूदत्त सैनी, कुचामन के क्षेत्राधिकारी मोटाराम बेनीवाल और झोटवाडा सहायक पुलिस आयुक्त हरिशंकर शर्मा को शुक्रवार को निलंबित कर दिया गया था। सूत्रों ने बताया कि विभिन्न स्तरों पर अधिकारियों को मामले की जानकारी थी लेकिन कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई।