- उन्नाव के असोहा इलाके में खेत में तीन नाबालिग लड़कियां बेहोशी की हालत में मिली थीं
- दो लड़कियों की अस्पताल ले जाते समय हुई मौत, एक अस्पताल में मौत से कर रही है संघर्ष
- अपराधियों की धरपकड़ के लिए पुलिस ने 6 टीमें गठित की है।
लखनऊ। राजधानी से करीब 60 किमी दूर उन्नाव का असोहा इलाका चर्चा में हैं। दरअसल असोहा इलाके के एक खेत में तीन नाबालिग लड़कियां बेहोशी की हालत में मिलीं। दोनों मृतक लड़कियों का पोस्टमॉर्टम कैमरे के सामने डॉक्टरों का पैनल करेगा। जिन रहस्यमय परिस्थितियों में तीन लड़कियों को जहर मिला था उन्हें देखते हुए जिला प्रशासन ने जिला अस्पताल में तीन डॉक्टरों के एक पैनल द्वारा पोस्टमार्टम करने का आदेश दिया है।
पीड़िता के खर्च का इलाज यूपी सरकार उठाएगी
कानपुर के रीजेंसी अस्पताल को लिखे पत्र में, जहां लड़की का इलाज किया जा रहा है, डीएम उन्नाव ने संचार किया है कि लागत प्रशासन और मुख्यमंत्री राहत कोष से वहन की जाएगी। बता दें कि पीड़िता को पहले हैलट अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन बाद में उसे प्राइवेट अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया।
बबुरहा गांव छावनी में तब्दील
बबुरहा गांव में जगह-जगह बैरिकेडिंग लगा दिए गए हैं। चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात है। मीडिया मृतकों के परिजनों से नहीं मिल पा रही है। परिजनों को पुलिस द्वारा उठाए जाने के विरोध में ग्रमीण धरने पर बैठ गए हैं।घटना को लेकर सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर सीओ हसनगंज, सीओ बांगरमऊ भी मौके पर मौजूद हैं। 18 दारोगा, 70 हेड कन्स्टेबल, 30 आरक्षी अतिरिक्त रूप से तैनात किए गए हैं। एडीएम, एसडीएम व विधायक अनिल सिंहभी भी गांव पहुंचे। शव दफनाने के लिए जेसीबी मंगाई गई है। सपाई और ग्रमीणों ने जेसीबी रोकते हुए नारेबाजी शुरू कर दी।
पूरी रात की पड़ताल और पूछताछ के बाद पुलिस को घटना में अहम सुराग हाथ लगे हैं। पुलिस ने किशोरियों के स्वजन से गहन पूछताछ शुरू कर दी है। वहीं पूरी रात पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी घटनास्थल पर डटे रहे, तो डीएम और एसपी ने गांव जाकर गहनता से पड़ताल की।
परिवार का दावा, किसी से दुश्मनी नहीं
अभी तक परिवार ने व्यक्तिगत दुश्मनी का कोई उदाहरण नहीं बताया है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि प्रथम दृष्टया यौन शोषण का कोई सबूत नहीं है।तीनों नाबालिग थे जिनकी आयु 13, 16 और 17 वर्ष थी। 13 और 16 वर्ष की आयु की लड़कियों को उन्नाव के एक अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया था, जबकि 17 वर्ष की उम्र अभी भी गंभीर है।
मौत के खिलाफ एक नाबालिग की जंग जारी
कानपुर के उच्च चिकित्सा केंद्र में भर्ती कराया गया। तीनों चचेरे बहनें थीं और दलित समाज से संबंध है। डॉक्टर ज़हर खाने की पुष्टि करते हैं। मृतक के शरीर को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। पीएम रिपोर्ट में मौत के कारण पर अधिक प्रकाश डालने की संभावना है और क्या कोई यौन हमला शामिल था। अब इस मामले में सियासत भी शुरू हो चुकी है। विपक्षी दलों ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि एक तरफ तो सीएम अपराध मुक्त यूपी का दावा करते हैं तो दूसरी तरफ राजधानी से सटे इलाकों में अपराधी बेखौफ घूम रहे हैं।