- गुरुवार को सपा से जुड़े एक नेता के प्लाट से बरामद हुआ दलित लड़की का शव
- उन्नाव में लड़की बीते दो महीने से लापता थी, परिवार ने सपा नेता के परिवार पर लगाए थे आरोप
- आरोपी राजोल सिंह के पिता फतेह बहादुर सिंह सपा सरकार में दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री थे
लखनऊ : उन्नाव में दो महीने लापता दलित लड़की का शव गुरुवार को एक प्लाट से बरामद होने पर सनसनी मच गई। इस दलित लड़की का शव सपा सरकार में दर्जा प्राप्त मंत्री रहे फतेह बहादुर सिंह के बेटे राजोल सिंह के प्लाट से बरामद हुआ। लड़की के शव का पोस्टमार्टम हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक लड़की के सिर में चोट के दो निशान मिले हैं। उसकी गर्दन टूटी हुई है। उसके साथ रेप किए जाने की आशंका जताई गई है।
सपा कार्यकर्ता नहीं राजोल-राजभर
वहीं, इस मामले ने राजनीतिक रंग लेना शुरू कर दिया है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायवाती ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। जबकि भाजप ने विपक्ष की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं। सुभासपा के मुखिया ओम प्रकाश राजभर ने इस बात से इंकार किया है कि राजोल सिंह सपा का कार्यकर्ता है।
कौन है राजोल सिंह
फतेह बहादुर सिंह समाजवादी पार्टी की सरकार में दर्जा प्राप्त मंत्री रहे। उनकी सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव से करीबी रही। लोग बताते हैं कि सपा से जुड़े रहने के दौरान उन्होंने उन्नाव में कई संपत्तियां बनाईं। राजोल सिंह उन्हीं का बेटा है। सिंह अपने परिवार के लिए कई संपत्तियां छोड़कर गए हैं। उन्हीं में से एक संपत्ति यह आश्रम भी है। इसी आश्रम के पास एक प्लाट में लड़की का शव दफनाया गया था। आश्रम करीब 10 बीघे में फैला हुआ है।
उन्नाव में राजोल सिंह का रसूख
आश्रम के आस-पास की कई जमीनें भी फतेह बहादुर सिंह के परिवार की हैं। इलाके में फतेह बहादुर सिंह का रुतबा रहा है। बताया जाता है कि इसी रसूख के चलते इस मामले में पुलिस ने शुरुआत में लापरवाही की और केस की गंभीरता से जांच नहीं की। राजोल सिंह पर जानलेवा हमले सहित मारपीट के तीन मामले दर्ज थे। इनमें से दो केस में वह दोषमुक्त हो चुका था। अब अपहरण का मामला सामने आने पर उसकी हिस्ट्रीशीट दोबारा खुली है।
ऐसे मिला पुलिस को सुराग
लड़की का परिवार शुरू से ही अपनी लड़की की गुमशुदगी के लिए सपा नेता पर सवाल उठा रहा था। परिवार ने इसकी शिकायत पुलिस में भी की थी। पिछले महीने लड़की की मां लखनऊ स्थित सपा मुख्यालय भी पहुंची थी और वहां उसने आत्महत्या की कोशिश की। परिवार की शिकायत के बाद पुलिस ने राजोल सिंह को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ की थी। बताया जा रहा है कि इस पूछताछ में ही पुलिस को सुराग लगा था जिसके बाद वह मामले की जांच कर रही थी।