- यूपी एटीएस ने धर्मांतरण के एक बड़े मामले का पर्दाफाश किया, ISI से जुड़े तार
- मामले में दो आरोपी गिरफ्तार, दिल्ली के जामिया नगर के रहने वाले हैं दोनों
- मूक-बधिर बच्चों एवं महिलाओं को अपनी जाल में फंसाकर धर्मांतरण कराथे थे
लखनऊ : उत्तर प्रदेश एटीएस ने राज्य में धर्मांतरण के एक रैकेट का पर्दाफाश किया है। खास बात यह है कि इस रैकेट के तार दिल्ली के बटला हाउस और दक्षिण के एक राज्य तक जुड़े हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस के एडीजी (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने सोमवार को कहा कि लोगों का जबरन धर्म परिवर्तन कराने के लिए दो व्यक्तियों उमर गौतम एवं जहांगीर को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि उमर गौतम ने खुद धर्म परिवर्तन किया है और वह जामिया नगर के बटला हाउस का रहने वाला है। उसने अब तक 1000 लोगों का धर्म परिवर्तन करिया है। वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर काम कर रहा था।
लालच देकर लोगों का धर्मपरिवर्तन किया
एक संवाददाता सम्मेलन में एडीजी ने कहा कि आरोपी लोगों को धर्म बदलने के लिए उन्हें लालच देते थे। ये लोगों को उकसाकर और धोखा देकर अपनी जाल में फंसा रहे थे। यही नहीं ये विभिन्न समुदायों में शत्रुता बढ़ाने का भी काम कर रहे थे।
मूक-बधिर बच्चों, महिलाओं को बना रहे थे निशाना
पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी विशेष रूप से सुनने और बोलने में असमर्थ बच्चों एवं महिलाओं को इस्लाम धर्म में परिवर्तित करा रहे थे। ये महिलाओं की शादी मुस्लिम युवकों से करा रहे थे ताकि वे दोबारा अपने मूल धर्म में नहीं लौट सकें। जबरन धर्म परिवर्तन की इन्होंने एक पूरा नेटवर्क एवं व्यवस्था बनाया था। ये लोगों को धर्मपरिवर्तन कराने के लिए अपने जामिया नगर स्थित इस्लामिक दावा सेंटर लेकर जाते थे। लोगों का धर्म परिवर्तित कराने के लिए इन लोगों को विदेशों से फंड उपलब्ध कराया जाता था।
बच्चों को दक्षिण के एक राज्य भेजा
यही नहीं, आरोपी नोएडा के एक मूक एवं बधिर स्कूल के भी संपर्क में थे। यहां ये बच्चों को नौकरी एवं पैसों का लालच देकर उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए उकसाते थे। आरोपियों ने बच्चों का धर्म परिवर्तन कर उन्हें दक्षिण के एक राज्य भेजा था। इन बच्चों के माता-पिता ने पुलिस से शिकायत की थी। पुलिस ने जब जांच की तो मामले की सच्चाई का पता चला। आरोपियों ने बच्चों को डराया था जिसकी वजह से वे कुछ बता नहीं रहे थे। पुलिस अधिकारी के मुताबिक आरोपी पीड़ितों को समय-समय पर चरमपंथी विचारधारा थोपते थे और उन्हें बताते थे कि इस्लाम सबसे बेहतर धर्म है। वे पैसे, रोजगार और सहयोग का वादा कर लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करते थे।