हनुमान जयंती के दिन शोभा यात्रा के दौरान दिल्ली की जहांगीरपुरी में हुई हिंसा के मुख्य आरोपी अंसार ने पुलिस की पूछताछ के दौरान कई बड़े खुलासे हुए। हिंसा के लिए हमले का सामान पहले से लाया जा रहा था। हिंसा भड़काने में नामी बदमाशों और गैंगस्टरों का शामिल होना और साथ ही हमले से पहले किसी की कॉल आना और फिर मस्जिद जाना ये सारे कई खुलासे हो रहे हैं। क्राइम ब्रांच की टीम मामले की लगातार तफ्तीश कर ही है। सीटीआर डिटेल खुलासा कर रहा है कि हिंसा से पहले ही साजिश की पृष्टभूमि तैयार की गई थी।
अंसार पूछताछ के दौरान हुए ये 10 खुलासे
- अंसार की कॉल डिटेल से अहम सुराग हाथ लगे।
- अंसार को कॉल करके मस्जिद बुलाया गया।
- किसी जानकार ने अंसार को कॉल किया।
- अंसार कट्टरपंथी समूहों के संपर्क में था।
- शोभायात्रा से एक दिन पहले हथियार जुटाना शुरू कर दिया था।
- हिंसा में 20 हार्ड कोर गैंगस्टर शामिल थे।
- हार्ड कोर बदमाशों ने हिंसा भड़काने में मदद की।
- आग लगाने में भी हार्ड कोर गैंगस्टर्स का हाथ था।
- कई गैंगस्टर हिंसा से कुछ दिन पहले ही जेल से बाहर आए।
- अंसार के ड्रग्स के धंधे में भी शामिल होने का शक है।
दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के हिंसा प्रभावित जहांगीरपुरी इलाके में इमारतों को ध्वस्त करने के मुद्दे पर अगले आदेश तक यथास्थिति कायम रखने के गुरुवार को निर्देश देते हुए कहा कि वह उत्तर दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) के महापौर को उसके आदेश से अवगत कराए जाने के बाद भी ध्वस्त अभियान जारी रखने के मामले पर गंभीरता से विचार करेगा। न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बीआर गवई ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका पर केंद्र सरकार और अन्य को नोटिस जारी किए। याचिका में दावा किया गया है कि दंगों के मुस्लिम आरोपियों की इमारतों को तोड़ा गया है।
अदालत ने कहा कि अगले आदेश तक यथास्थिति बना कर रखी जाए। मामले को दो हफ्ते के बाद सूचीबद्ध किया जाए और तब तक दलीलों को पूरा किया जाए। पीठ ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी, यहां तक के एनडीएमसी महापौर को (आदेश के बारे में) सूचित किए जाने के बाद भी किए गए विध्वंस पर गंभीरता से विचार करेंगे।