- 25 दिन बाद अशोक गहलोत सरकार एक्शन में
- मुख्य आरोपी मतलूब समेत चार की संपत्ति होगी जब्त
- बीजेपी ने मतलूब पर संरक्षण का लगाया है आरोप
राजस्थान के करौली हिंसा मामले में 25 दिन के बाद राजस्थान सरकार की नींद टूटी। अब गहलोत सरकार ने मुख्य आरोपी मतलूब समेत चार लोगों की संपत्ति को जब्त करने के निर्देश दिए हैं।Rajasthan (राजस्थान) के Karauli में 2 अप्रैल को हिंसा भड़की थी | उस मामले में पर CM Gehlot का बड़ा आदेश दिया है। दंगे के मुख्य आरोपी Matloob Ahmad और 4 अन्य आरोपियों की संपत्ति कुर्क करने की कर्रवाई शुरू कर दी गई है।करौली की घटना पर राजस्थान के डीजीपी मोहन लाल लाठेर ने कहा था कि हिंसा को लेकर 10 एफआईआर दर्ज की गई। जांच में जिस अधिकारी की भूमिका विधि सम्मत नहीं पायी जाएगी उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा था कि कुछ लोगों ने हिंसा भड़काने वाले नारे लगाए थे और बड़ी बाय यह है कि डीजे की पहले से अनुमति नहीं ली गई थी।
राजस्थान सरकार का आदेश
अदालत से वारंट जारी होने के बाद संपत्ति जब्ती की कार्रवाई
राजाराम गुर्जर, मतलूब अहमद, साहिब सिंह
25 दिन बाद जागी गहलोत सरकार
करौली हिंसा
टाइम्स नाउ नवभारत ने जब करौली के एसएचओ रामेश्वर दयाल को ट्रैक किया था। लेकिन वे सवालों का जवाब देने के बजाय भाग निकले। जब उनसे पूछा गया कि घटना स्थल पर आप थे ये बात अलग है कि आपने दंगाइयों को रोकने की कोशिश नहीं की तो उस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हम मौके पर थे और उनको रोका भी। लेकिन उनसे जब कुछ और सवाल पूछे गए तो वे कुछ भी बताने को तैयार नहीं हुए। अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई लेकिन सब ने मौन साधा लिया। करौली जिले की पुलिस कुछ भी बताने को तैयार नहीं है। पुलिस ने अब तक 23 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है और मामले की जांच जारी है।
मिलिए करौली हिंसा के उस सिपाही से जिसने जान पर खेल बचाई मासूमों की जिंदगी