- पंजाब में आतंकवाद के दौर में कामरेड सिंह ने आतंकियों का डटकर किया मुकाबला
- खालिस्तान समर्थक आतंकियों से लड़ी लड़ाई, वीरता के लिए शौर्य चक्र से हुए सम्मानित
- सुबह स्कूल का गेट खोलते समय हथियारबंद बदमाशों ने सिंह पर चलाई गोलियां
तरनतारन: आतंकियों का बहादुरी से मुकाबला करने वाले कामरेड बलविंदर सिंह भिखीविंड की आज सुबह उनके घर पर ही अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी। आतंकियों का सामना बहादुरी से करने वाले बलविंदर सिंह पर कई टेली फिल्में भी बनी हैं। कामरेड बलविंदर शौर्य चक्र विजेता थे। परिवार को संदेह है कि यह हमला आतंकी भी हो सकता है।
बता दें कि पंजाब में जब आतंकवाद चरम पर था तो उस समय बलविंदर सिंह ने आतंकियों का बहुत बहादुरी से मुकाबला किया था। उन पर करीब 20 बार बड़े हमले हुए लेकिन हर बार आतंकियों को लोहे के चने चबाने पड़े। हैंड ग्रेनेडों और राकेट लांचरों के साथ हमला करने वाले कई नामी आतंकियों को उन्होंने मार गिराया था। साल 1993 में बलविंदर सिंह भिखीविंड, उनके भाई और दोनों की पत्नियों को राष्ट्रपति की और से शौर्य चक्र से नवाजा गया।
रिपोर्टों के मुताबिक बताया जाता है कि सुबह के समय सिंह जब अपने स्कूल का दरवाजा खोलने पहुंचे उसी वक्त बाहर उनका पहले से इंतजार कर रहे दो व्यक्तियों ने उन पर गोली चलाई। बदमाशों ने सिंह पर पांच गोलियां दागी। जख्मी हालत में उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई। सिंह के परिवार इस हत्या के पीछे आतंकियों के हाथ होने की आशंका जताई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। तरन तारन जिले में खालिस्तान समर्थक आतंकवादियों को जवाब देने के लिए सिंह ने अपने परिवार के सदस्यों को मिलाकर एक 'टुकड़ी' तैयार की थी।