- इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के तहत डेवलप होंगी राजधानी की झीलें
- योजना के पहले चरण में 20 झीलों पर किया जाएगा विकास कार्य
- पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने अधिकारियों के साथ की योजना की समीक्षा
Delhi Lake Development: राजधानी के अंदर मौजूद झीलों के विकास पर दिल्ली सरकार ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। इन झीलों के विकास कार्यों की समीक्षा के लिए पर्यावरण मंत्री गोपाल राय की अध्यक्षता में दिल्ली सचिवालय के अंदर संबंधित एजेंसियों की बैठक हुई। इस बैठक में दिल्ली पार्क एंड गार्डन सोसायटी वेटलैंड अथॉरिटी ऑफ दिल्ली, पर्यावरण विभाग, लैंड आनिंग एजेंसीज, एमसीडी, पीडब्ल्यूडी और डीडीए जैसे विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।
इस बैठक की जानकारी देते हुए गोपाल राय ने बताया कि, पहले चरण में दिल्ली की 20 झीलों को इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के हिसाब से डेवलेप किया जाएगा। इसकी कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। पर्यावरण मंत्री ने बताया कि, वेटलैंड अथॉरिटी और पर्यावरण विभाग ने मिलकर राजधानी के अंदर मौजूद 1045 झीलों में से 1018 झीलों की मैपिंग कार्य पूरा कर लिया है। इन सभी झीलों को यूआईडी नंबर भी आवंटित कर दिए गए हैं। अब इसी आधार पर झीलों का विकास किया जाएगा।
पहले चरण में इन झीलों का होगा विकास
पर्यावरण मंत्री ने बताया कि, इस योजना के पहले चरण की 20 झीलों का विकास किया जाएगा। इसमें संजय झील, स्मृति वन (कुंडली), स्मृति वन (वसंत कुंज), टिकरी खुर्द झील, हौजखास झील, भलस्वा झील, नजफगढ़ झील, पुठ कलां (सरदार सरोवर झील), मुंगेशपुर, धीरपुर, वेलकम झील, दर्यापुर कलां झील, संजय वन का एमपी ग्रीन एरिया, अवंतिका सेक्टर- एक रोहिणी के जिला पार्क, वेस्ट विनोद नगर (मंडावली, फजलपुर), मंडावली गांव, बरवाला, राजौरी गार्डन, बरवाला और झटिकरा की झीलें शामिल हैं।
पहले होगा समस्या का निवारण
गोपाल राय ने बताया कि, इन झीलों का डेवलपमेंट कार्य शुरू करने से पहले यहां फैली समस्याओं व शिकायतों को खत्म किया जाएगा। अभी तक अधिकारियों द्वारा बनाई गई रिपोर्ट के अनुसार, इन झीलों के पास अतिक्रमण, सीवेज डिस्चार्ज और ठोस कचरे की डंपिंग जैसी समस्या देखी गई हैं। इन समस्याओं के निवारण और झीलों के विकास के लिए जिलास्तरीय शिकायत निवारण कमेटी का भी गठन किया गया है, जो समय-समय पर इन झीलों की निगरानी और निरीक्षण करेंगी। साथ ही झीलों से संबंधित शिकायतें निपटाएंगी।