- राजधानी की 39 अनधिकृत कालोनियों व चार गांवों में बिछेगी सीवर लाइन
- 1367.5 करोड़ रुपये खर्च कर छह सीवरेज शोधन संयंत्रों किए जाएंगे अपग्रेड
- यमुना को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए वर्ष 2025 तक हो यह योजना पूरी
Delhi Development News: राजधानी दिल्ली के हर घर अब सीवर लाइन से जोड़े जाएंगे। इस योजना पर दिल्ली सरकार 1855 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इस योजना को लेकर सभी तैयारी पूरी हो गई है, इसे वर्ष 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यह फैसला उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के नेतृत्व में हुई दिल्ली जल बोर्ड की बैठक में लिया गया। जिसमें मनीष सिसोदिया ने राजधानी की अनधिकृत कालोनियों में सीवरेज प्रबंधन को बेहतर बनाने व यमुना को पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त करने के लिए इस परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई।
जल बोर्ड अधिकारियों के अनुसार इस परियोजना के तहत छह सीवरेज शोधन संयंत्रों (एसटीपी) को अपग्रेड किया जाएगा। जिससे सभी एसटीपी में सीवरेज पानी का शोधन सभी मानकों के अनुसार किया जा सके। एसटीपी अपग्रेड करने पर 1367.5 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके अलावा दिल्ली की 39 अनधिकृत कालोनियों व चार गांवों में सीवर लाइन बिछाकर हर घर को इस लाइन से जोड़ा जाएगा। जिससे इन कॉलोनियों से निकलने वाले सीवर पानी को सीधे यमुना में गिरने से रोका जा सके। इस बैठक में ओखला एसटीपी से यमुना तक साफ पानी पहुंचाने के लिए एक कनेक्टिंग लाइन भी बिछाने का फैसला किया गया।
इन कालोनियों में बिछाई जाएगी सीवर लाइन
जल बोर्ड के अनुसार परियोजना के तहत बिजवासन इलाके की छह अनाधिकृत कालोनियों के साथ यहां के एक गांव में करीब 26.5 किमी की सीवर लाइन बिछाई जाएगी। इसके बाद इन कालोनियों से प्रतिदिन निकले वाला 1.5 एमजीडी सीवरेज के पानी को शोधित कर यमुना में छोड़ा जाएगा। वहीं नजफगढ़ इलाके की 21 अनधिकृत कालोनियों व एक गांव में भी 82.79 किलोमीटर लंबी सीवर लाइन बिछाई जाएगी। इन जगहों की 4.75 एमजीडी सीवरेज के पानी को शोधित किया जा सकेगा। इसके अलावा देवली व संगम विहार की 12 अनधिकृत कालोनियों के लिए 35 किलोमीटर सीवर, शिकारपुर में 17.25 किलोमीटर सीवर लाइन, बुराड़ी के अंदर 24 किलोमीटर लंबी सीवर लाइन बिछाई जाएगी। इसके बाद इन जगहों पर प्रतिदिन निकलने वाले 8.25 एमजीडी सीवरेज को एसटीपी में शोधित कर यमुना में छोड़ा जा सकेगा।