- 39 अनधिकृत कॉलोनियों और चार गांव में सीवर लाइन बिछाने की योजना
- 6 सीवेज ट्रीटमेंट प्लान बनाए जाएंगे, प्रदूषण होगा दूर
- सीवर का गंदा पानी यमुना में नहीं जाएगा
Delhi Yamuna News: दिल्ली की केजरीवाल सरकार राजधानी में हर तरह के प्रदूषण को रोकने का प्रयास कर रही है। सरकार यमुना नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए भी कई खास कदम उठा रही है। अब इस क्रम में दिल्ली सरकार ने एक और खास फैसला लिया है। सरकार ने यमुना नदी में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए अतिरिक्त सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनाने का फैसला किया है। जिसके बाद सीवर का गंदा पानी यमुना में नहीं जाएगा।
यमुना नदी को स्वच्छ बनाने के लिए दिल्ली सरकार ने 39 अनधिकृत कॉलोनियों और चार गांवों में सीवर लाइन बिछाने की योजना बनाई है। इसके लिए 6 सीवेज ट्रीटमेंट प्लान बनाए जाएंगे। इसको लेकर सरकार ने अपनी मंजूरी भी दे दी है। यह मंजूरी उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली जल बोर्ड की मीटिंग में दी।
प्रोजेक्ट पर खर्च किए जाएंगे 1367.5 करोड़ रुपये
जल बोर्ड की मीटिंग में कोरोनेशन, रोहिणी, कोंडली, नरेला और निलोठी में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता को बढ़ाने का फैसला किया गया। केजरीवाल सरकार इस परियोजना पर 1367.5 करोड़ रुपये खर्च करेगी। सीवेजर ट्रीटमेंट प्लान में पानी को अच्छी तरह से साफ करने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। इन ट्रीटमेंट प्लांट में नाइट्रोजन और फास्फोरस हटाने के अलावा कीट भी मारे जा सकेंगे। फिलहाल इन जगहों पर जो एसटीपी मौजूद हैं, उनकी क्षमता 160 मिलियन गैलन प्रतिदिन (एमडीजी) है, जबकि उनकी क्षमता 205 एमजीडी बढ़ाने की जरूरत है।
दिल्ली को विकसित किया जाएगा झीलों की नगरी के रूप में
मीटिंग में बताया गया है कि 39 अनधिकृत कॉलोनियों और चार गांवों में सीवर लाइन बिछाने के बाद सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में करीब 8.25 एमडीजी पानी को साफ किया जाएगा। गौरतलब है कि ओखला सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से यमुना तक अलग से साफ पानी पहुंचाने के लिए लाइन बिछाई जाएगी। इतना ही नहीं भूजल के स्तर को बढ़ाने के लिए ओखला सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के पास झीलें बनाई जाएंगी। बताया जा रहा है कि दिल्ली सरकार राजधानी को झीलों के शहर में तब्दील करने में जुटी है। इसके चलते दिल्ली में 299 जलाशय व नौ झीलों को विकसित किया जाएगा।