नयी दिल्ली: दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने रविवार को कहा कि दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में 33 बड़े निजी अस्पतालों को आईसीयू बिस्तरों में से 80 प्रतिशत कोविड-19 मरीजों के लिए आरक्षित रखने का निर्देश दिया है। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में अगस्त के आखिरी सप्ताह से कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है। दिल्ली में शनिवार को कोविड-19 के एक दिन में सबसे अधिक 4,321 नये मामले सामने आये थे।रविवार को कोविड-19 के 4,235 नये मामले सामने आने से यहां इसके कुल मामले बढ़कर 2.18 लाख हो गए।
ऐसा लगातार पांचवें दिन हुआ जब दिल्ली में चार हजार से अधिक नये मामले सामने आये।पिछले कुछ दिनों से मामलों में वृद्धि को देखते हुए, स्वास्थ्य विभाग ने 33 अस्पतालों को कोविड-19 मरीजों के लिए उपलब्ध कुल आईसीयू बिस्तरों में से 80 प्रतिशत कोविड-19 मरीजों के लिए आरक्षित रखने का आदेश दिया है। 33 निजी अस्पतालों के साथ एक वीडिया कान्फ्रेंस में जैन ने उनके आईसीयू में और अधिक बिस्तर आरक्षित रखने पर चर्चा की थी।
उन्होंने कहा, ‘‘यदि कुछ अस्पतालों में गैर कोविड-19 मरीज पहले से भर्ती हैं तो उन्हें छुट्टी दिये जाने पर खाली हुए बिस्तर कोविड-19 मरीजों के लिए ही आरक्षित किये जाएंगे।’’उन्होंने दोहराया कि दिल्ली के अस्पताल जो कोविड-19 रोगियों का इलाज कर रहे हैं, उन्हें अपनी बिस्तर क्षमता 30 प्रतिशत तक बढ़ाने की अनुमति है जिसका उपयोग केवल कोविड-19 रोगियों के लिए किया जाएगा।
'यह सुनिश्वित किया जाए कि उनके आईसीयू में और बिस्तर उपलब्ध हों'
उन्होंने कहा कि यह आदेश केवल निजी अस्पतालों के लिए प्रासंगिक है ताकि यह सुनिश्वित किया जाए कि उनके आईसीयू में और बिस्तर उपलब्ध हों जिससे कोविड-19 मरीजों के लिए आईसीयू बिस्तरों की मांग पूरी की जा सके।जैन ने कहा कि दिल्ली कोरोना ऐप के अनुसार कुल 14,372 बिस्तर उपलब्ध हैं और उनमें से 7,938 बिस्तर अभी भी खाली हैं तथा वर्तमान आदेश केवल निजी अस्पतालों में आईसीयू बिस्तर को लेकर है। उन्होंने कहा कि राज्य संचालित और केंद्र संचालित अस्पतालों में पर्याप्त बिस्तर उपलब्ध हैं।
"आईसीयू बिस्तर को लेकर थोड़ी समस्या है"
जैन ने कहा, ‘‘आईसीयू बिस्तर को लेकर थोड़ी समस्या है। यद्यपि अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में बिस्तर हैं, आसानी से पहुंच वाले अस्पतालों में आईसीयू बिस्तरों की कमी है। जिन अस्पतालों की मांग अधिक हैं उन्हें आईसीयू बिस्तर बढ़ाने का आदेश दिया गया है। अभी आईसीयू बिस्तर केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के अस्पतालों में उपलब्ध हैं।’’
उन्होंने कहा कि कोविड-19 से बचाव का सर्वश्रेष्ठ तरीका मास्क का इस्तेमाल करना और एकदूसरे से दूरी बनाये रखना है। उन्होंने सार्वजनिक स्थलों और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने वाले लोगों से अधिक सतर्क रहने की अपील की।यह पूछे जाने पर कि क्या कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी के मद्देनजर एक और लॉकडाउन हो सकता है, तो स्वास्थ्य मंत्री ने इसकी संभावना से इनकार किया।उन्होंने कहा, ‘‘लॉकडाउन लागू करने का समय समाप्त हो गया है। हमने लॉकडाउन के माध्यम से पर्याप्त अनुभव प्राप्त किया है और जानते हैं कि मास्क पहनना संक्रमण से लड़ने का एक प्रभावी तरीका है। हम मास्क पहनने के लिए जागरूकता उत्पन्न कर रहे हैं।’’
'राजधानी में पिछले कुछ दिनों में जांच में बढ़ोतरी की गई है'
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में लोगों ने मास्क लगाना बंद कर दिया है और फिर से एक अभियान की योजना बनायी गई और उसे चलाया गया।उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री स्वयं सभी नागरिकों को जागरुक कर रहे हैं। एफएम और आईवीआर आदि से भी संदेश प्रसारित किये जा रहे हैं। हम दिल्लीवासियों को कह रहे हैं कि घर से बाहर निकलते समय मास्क जरूर लगायें’’जैन ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में पिछले कुछ दिनों में जांच में बढ़ोतरी की गई है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें सलाह दी गई कि हम जितना अधिक जांच करेंगे इससे कोविड-19 संक्रमण रोकने में उतनी ही मदद मिलेगी। यदि आप लक्षणों के बिना संक्रमित पाये जाते हैं, तो आप स्वयं को पृथक कर लेंगे और दूसरों को संक्रमित नहीं करेंगे। बड़ी संख्या में जांच की जा रही है। इससे मामलों में बढ़ोतरी दिख रही है लेकिन इससे वायरस को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।’’दिल्ली में कोरोना वायरस मामलों में बढ़ोतरी पर जैन ने कहा कि बाहर से आने वाले लोगों का कोई अलग आंकड़ा नहीं है लेकिन जो बाहर से आ रहे हैं वे भी संक्रमित पाये जा रहे हैं।
दिल्ली में स्कूल, कालेज, सिनेमा हॉल बंद हैं
उन्होंने कहा, ‘‘अब दिल्ली में सभी परिवहन सेवा कार्यरत है इसलिए बाहर से आने वाले लोगों पर कोई पाबंदी नहीं है। दिल्ली में स्कूल, कालेज, सिनेमा हॉल बंद हैं। हम उम्मीद करते हैं कि 10 से 15 दिनों में मामलों में कमी आएगी।’’ आंकड़ों को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में संक्रमित होने की दर करीब 7.19 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय दर करीब 8.8 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि शनिवार को दिल्ली में पिछले 24 घंटे में 28 मौतें हुईं जिससे पिछले 10 दिनों में मृत्यु दर 0.68 प्रतिशत हो गई।