- देश में कोरोना संक्रमण से अब तक 37 लाख से अधिक लोग उबर चुके हैं
- संक्रमण से उबरने वालों में भी कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं देखी जा रही हैं
- ऐसे में स्वास्थ्य मंत्रालय ने पोस्ट कोविड-19 मैनेजमेंट प्रोटोकॉल जारी किया है
नई दिल्ली : देश में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच बड़ी संख्या में लोग इससे उबर भी रहे हैं। अब तक 37 लाख से अधिक लोग इस घातक संक्रमण से उबर चुके हैं। इस बीच बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी हैं, जिन्हें कोरोना वायरस संक्रमण से उबरने के बाद भी कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं। सांस लेने में तकलीफ, बदन में दर्द, खांसी, निगलने में परेशानी सहित ऐसी कई समस्याएं हैं, जिनकी शिकायत वे कर रहे हैं। ऐसे में स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कुछ सलाह जारी की गई है, जिसका पालन लोगों को करने के लिए कहा गया है।
क्या कहता है स्वास्थ्य मंत्रालय का प्रोटोकॉल?
कोरोना संक्रमण से उबर चुके लोगों के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जो प्रोटोकॉल जारी किए गए हैं, उनमें रोजाना च्यवनप्राश का इस्तेमाल, योगासन, प्राणायाम और सुबह या शाम को टहलना भी शामिल है। कई बार लोग कोरोना वायरस संक्रमण से उबरने के बाद समझने लग जाते हैं कि अब उन्हें दोबारा इसका संक्रमण नहीं होगा। लेकिन विशेषज्ञ इससे इनकार कर चुके हैं और कई ऐसे मामले आए हैं, जिन्हें ठीक होने के बाद फिर से कोरोना का संक्रमण हुआ। ऐसे में स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी ये प्रोटोकॉल और भी अहम हो गया है।
जरूरी है योग, प्राणायाम और टहलना
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी प्रोटोकॉल के मुताबिक, कोरोना संक्रमण से उबरने के बाद भी योगासन, प्रणायाम और सुबह या शाम टहलने की सलाह दी गई है। साथ ही अगर डॉक्टर ने कोई दवा बताई है तो उसे भी जारी रखने की जरूरत है। शरीर में ऑक्सीजन के स्तर पर लगातार नजर रखने की जरूरत है और यह 95 प्रतिशत से कम नहीं होना चाहिए। बुखार, सीने में दर्द या किसी अन्य तरह की शिकायत होने पर भी डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रोटोकॉल में आयुष क्वाथ के अतिरिक्त गिलोय, आंवला, मुलेठी पाउडर, हल्दी दूध और च्यवनप्राश निर्धारित मात्रा में लेने की सलाह भी दी गई है। साथ ही गुनगुने पानी और हल्दी से गार्गल करने की सलाह भी दी गई है, जिससे गले में अगर कोई समस्या है तो वह दूर हो सकती है। हाल के दिनों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए दवाइयों के इस्तेमाल का चलन भी देखा जा रहा है, जिस बारे में मंत्रालय ने साफ किया है कि इस तरह की कोई भी दवा चिकित्सकों के परामर्श से ही ली जानी चाहिए।