- अमीर बनने के लिए बीएसएफ के रसोईया ने छोड़ी नौकरी
- आरोपी ने 100 करोड़ की ठगी को दिया अंजाम
- दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने किया गिरफ्तार
Fraud Former BSF Cook: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने राजस्थान से एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है, जो 100 करोड़ से ज्यादा की धोखाधड़ी में शामिल रहा है। आरोपी 46 मामलों में आरोपी फरार था। जांच करने पर सामने आया कि आरोपी पर धोखाधड़ी के 59 मामले मिले हैं। दरअसल, क्राइम ब्रांच ने गिरफ्त में आया शख्स सीमा सुरक्षा बल का एक पूर्व रसोइया है। आरोपी ने बीएसएफ की नौकरी इसलिए छोड़ दी थी, क्योंकि वह अमीर बनना चाहता था। अमीर बनने के लिए आरोपी ने धोखाधड़ी का रास्ता चुना और 100 करोड़ से ज्यादा की धोखाधड़ी कर ली।
पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपी का नाम ओमाराम उर्फ राम मारवाड़ी है, आरोपी राजस्थान के जोधपुर का निवासी है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को सूचना मिली कि, आरोपी रोहिणी इलाके में आने वाला है, पुलिस ने जाल बिछाया और उसे पकड़ लिया।
जयपुर में 2007 में खोली थी सुरक्षा एजेंसी
आपको बता दें कि, आरोपी मात्र 12वीं पास है। ओमाराम उर्फ राम ने 2004 से 2006 के बीच में बीएसएफ में रसोईया के रूप में काम किया था, लेकिन जल्द अमीर बनने के लिए ओमाराम ने दो साल में ही बीएसएफ की नौकरी छोड़ दी थी। इसके बाद आरोपी ओमाराम ने राजस्थान की राजधानी जयपुर में 2007 में एक सुरक्षा एजेंसी खोली, उसमें 60 कर्मचारी भर्ती किए और उसे बेच दिया। इसके बाद 2007 में ही आरोपी ने एक कंपनी में एजेंट की नौकरी शुरू कर दी। यहां करीब डेढ़ करोड़ कमाए, यहां भी नौकरी छोड़ दी। 2009 में आरोपी ने एक अपनी लिमिटेड कंपनी खोली और उसका मैनेजिंग डायरेक्टर खुद बना। आरोपी लगातार धोखाधड़ी करता रहा, कंपनियां बंद करके नई कंपनियां खोलता चला गया।
कंपनी ने लोगों को 100 करोड़ से ज्यादा का चूना लगाया
एमएलएम कंपनी में नए सदस्यों के जुड़ने पर कमीशन दिया जाता था। हर सदस्य को 4000 रुपये देने पड़ते थे, बदले में उन्हें 400 रुपये का एक सफारी सूट दिया जाता था। एक सदस्य को 10 सदस्य बनाने होते थे। इसमें गारंटी के साथ रिटर्न देने का दावा किया जाता था। लगातार एक साल तक हर महीने दो लाख का बिजनेस देने वाले को इनाम में एक साल बाद मोटरसाइकिल दी जाती थी। इसी तरह से हजारों सदस्य जुड़ गए और कंपनी ने लोगों को 100 करोड़ से ज्यादा का चूना लगाया।
आरोपी के खिलाफ साल 2020 में दुष्कर्म का मामला हुआ था दर्ज
2011 में कंपनी के खिलाफ कई मुकदमे राजस्थान में दर्ज हुए। इसके बाद आरोपी ओमाराम जयपुर से भाग गया। यहां से आरोपी इंदौर पहुंचा, यहां उसने कोऑपरेटिव सोसाइटी का लाइसेंस लिया। ओमाराम ने यहां नई पहचान राम मारवाड़ी के नाम से रहने शुरू किया। इंदौर में कई काम धंधों में नुकसान हुआ। ओमा राम यहां दिल्ली आया और प्रॉपर्टी डीलिंग का काम शुरू किया। 2018 में आरोपी ने कैश बैक बाजार के नाम से ग्रॉसरी स्टोर खोला, आरोपी को इसमें भी घाटा हुआ। 2020 में आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज हुआ। जिसमें राम मारवाड़ी के नाम से गिरफ्तार हुआ। इसके बाद 2021 में आरोपी ने ई-कॉमर्स प्लेटफार्म बनाया। फिर से वह इंदौर में शिफ्ट ही हुआ। इस प्लेटफार्म को बनाने के पीछे इसकी साजिश फिर से लोगों को ठगी का शिकार बनाने की थी। लेकिन पुलिस ने आरोपी के मंसूबों को नाकाम कर दिया।