- सीएक्यूएम ने एक खास कदम उठाने पर विचार किया है
- वायु प्रदूषण से लड़ने के लिए ली जाएगी विशेषज्ञों की मदद
- अनुसंधान एवं परियोजना प्रस्ताव पेश
Delhi Air Pollution News: दिल्ली में हर साल वायु प्रदूषण की समस्या बढ़ती जा रही है। इसका ज्यादा प्रभाव सर्दियों में देखने को मिलता है, लेकिन कुछ सालों से वायु प्रदूषण का प्रभाव बरसात और गर्मी के मौसम में भी दिखने लगा है। इस साल वायु प्रदूषण का प्रकोप गर्मी में भी काफी ज्यादा रहा है। हर दिन हवा की गुणवत्ता खराब होती जा रही है। आलम यह है कि लोगों में सांस संबंधी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं।
हालांकि सरकार हर साल वायु प्रदूषण से लड़ने के लिए तरह-तरह की कोशिश करती है। अब इस कड़ी में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने एक खास कदम उठाने पर विचार किया है। जिससे दिल्ली वाले खुलकर सांस ले सकेंगे। सीएक्यूएम ने वायु प्रदूषण की गुणवत्ता सुधारने के लिए नया कदम उठाया है।
अनुसंधान एवं परियोजना प्रस्ताव पेश किया
आयोग वायु प्रदूषण से लड़ने के लिए अब विशेषज्ञों की मदद लेने पर विचार कर रहा है। दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए सीएक्यूएम ने टेक्निकल उपाय और विशेषज्ञों के जरिए हवा की गुणवत्ता सुधारने का विचार किया है। इसके लिए सीएक्यूएम ने एक अनुसंधान एवं परियोजना प्रस्ताव पेश किया है। जिसके अंतर्गत सीएक्यूएम विशेषज्ञों की मदद ली जाएगी। इस प्रस्ताव में आयोग ने कहा है कि वायु प्रदूषण से लड़ने और इसकी गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए खास प्रोजेक्ट चलाने वालों वैज्ञानिकों, अनुसंधानकर्ताओं, अकादमिक संगठनों, एनजीओ और वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए काम करने वाले व्यक्तियों को आर्थिक मदद दी जाएगी, ताकि वह वायु प्रदूषण के रोकथाम के लिए काम कर सकें।
विशेषज्ञों को मिलेगी 25 लाख रुपये की मदद
सीएक्यूएम इन विशेषज्ञों को 25 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता देगा। सीएक्यूएम ने प्रस्ताव में कहा, 'यह प्रोजेक्ट दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण में कमी लाने और हवा की गुणवत्ता को बढ़ाने पर केंद्रित होना चाहिए। सीएक्यूएम से मंजूरी मिलने के दो साल के अंदर प्रोजेक्ट पूरा हो जाना चाहिए। हालांकि सीएक्यूएम ने कहा है कि प्रस्ताव का मूल्यांकन इस उद्देश्य के लिए बनाई गई एक खास समिति करेगी। प्रोजेक्ट प्रस्ताव भेजने की आखिरी तारीख 30 जून है।