- दिल्ली में कोरोना संक्रमितों की तादाद अब तक 29 हजार के पार
- डीडीएमए की बैठक में कम्यूनिटी ट्रांसमिशन पर होगी चर्चा
- दिल्ली के उपराज्यपाल ने कहा कि दिल्ली के अस्पतालों में कोरोना पीड़ित गैर दिल्लीवालों का भी होगा इलाज
नई दिल्ली। दिल्ली में कुल मरीजों की संख्या 29 हजार17, 125 मरीज एक्टिव, 10, 999 मरीज स्वस्थ 12, 213 मरीजों को घरों में ही आइसोलेशन में रखा गया है। मरने वालों की संख्या 812 और हॉस्पॉट की संख्या 169 यह दिल्ली की तस्वीर है, सवाल यह है कि क्या राजधानी दिल्ली कम्यूनिटी ट्रांसमिशन के फेज में आ चुकी है। इस संबंध में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के ट्वीट पर गौर करने लायक है।
दिल्ली में कम्यूनिटी ट्रांसमिशन ! मंगलवार को मिल सकता है जवाब
मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा कि कल दिल्ली आपदा प्रबंधन अथोरिटी की बैठक अपने निर्धारित शेडयूल के अनुसार होगी. मुख्यमंत्री की तबियत ठीक न होने के कारण उन्होंने मुझे इस बैठक के लिए अधिकृत किया है. कल की बैठक में चर्चा होनी है कि क्या दिल्ली में कोरोना community spread की स्थिति में पहुँच गया है ...
कोविड बेड्स पर असमंजस की स्थित
सत्येंद्र जैन का कहना है कि दिल्ली में दो हफ्तों में कोरोना मरीजों की संख्या दोगुनी हो जाएगी। दिल्ली के सीएम ने कहा था कि उन्हें सुझाव मिला है कि अगर दिल्ली के अस्पतालों को बाहरी लोगों के लिए खोला गया तो कोविड 19 के लिए जो बेड हैं वो तीन दिन में भर जाएंगे। दिल्ली सरकार ने कोरोना की चुनौतियों से निपटने के लिए एक विशेषज्ञ समिति बनाई थी जिसके मुताबिक जून के अंत तक दिल्ली को 15 हजार से अधिक कोविड बेड्स की जरूरत होगी।
उपराज्यपाल ने फैसला पलटा, आप ने बीजेपी पर निशाना साधा
इस तरह के खतरे के बीच सोमवार को दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने केजरीवाल सरकार के उस फैसले को पलट दिया जिसमें दिल्ली के अस्पतालों में कोरोना पीड़ित गैरदिल्ली वाले इलाज नहीं करा सकते थे। उपराज्यपाल ने आदेश दिया कि दिल्ली के अस्पतालों में दूसरे राज्यों के कोरोना पीड़ित इलाज करा सकते हैं। लेकिन आम आदमी पार्टी ने इस विषय पर बीजेपी पर निशाना साधा है। मनीष सिसोदिया का कहना है कि कल को अगर आपके इस फैसले की वजह से किसी को बेड नहीं मिला और किसी की मौत हो गई तो उसका जिम्मेदार कौन होगा। उसके बाद बीजेपी जिम्मेदारी लेगी। भारतीय जनता पार्टी ने बहुत गलत फैसला लिया है। लोगों के इळाज के लिए इस समय मैनेजमेंट की जरूरत है। आप इस तरह की राजनीति मत करिए।