- दिल्ली में लगातार बढ़ रही कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या
- केजरीवाल ने कहा- लॉकडाउन में ढील देने से बढ़े मामले
- CM केजरीवाल ने कहा- मृत्यु दर या गंभीर मामलों की संख्या तेजी से न बढ़े
नई दिल्ली: दिल्ली में कोरोना वायरस के मामले बढ़कर 14,000 से ऊपर पहुंच गए हैं। सोमवार को कोविड 19 के 635 नए केस सामने आए, जिसके बाद यहां कुल मामलों की संख्या बढ़कर 14,053 हो गई। इसमें से 7006 सक्रिय मामले हैं, जबकि 6771 लोग ठीक हो चुके हैं। वहीं 276 लोगों की जान जा चुकी है।
वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि लॉकडाउन में ढील देने से कोरोना के केस बढ़े हैं, लेकिन चिंता की बात नहीं है। उन्होंने कहा कि 17 तारीख को लॉकडाउन में काफी ढील दी गई थी आज एक हफ्ते बाद मैं ये कह सकता हूं कि स्थिति नियंत्रण में हैं और कोई घबराने वाली बात नहीं है, जब लॉकडाउन में ढील दी गई थी तब हमें ये उम्मीद थी केस में थोड़ी बढ़ोतरी होगी, थोड़ी बढ़तरी हुई है लेकिन चिंता की बात नहीं है। मुझे चिंता तब होगी जब मौत का आंकड़ा बहुत तेज़ी से बढ़ने लगेगा। अगर कोरोना होता रहें और लोग ठीक होकर घर जाते रहें तो चिंता का विषय नहीं है।जो केस हो रहे हैं वो इतने गंभीर केस न हो कि हमारे अस्पतालों का सिस्टम बैठ जाए अगर ऐसी स्थिति हो जाएगी तब चिंता का विषय होगा।
उन्होंने बताया कि 3829 बेड सरकारी सिस्टम में हैं उनमें से 3164 बेड पर ऑक्सीजन उपलब्ध है। 3829 में 1478 बेड भरे हुए हैं। सरकार के पास 250 वेंटीलेटर हैं उनमें से 11 वेंटीलेटर इस्तेमाल हो रहे हैं।
निजी अस्पतालों में 20 प्रतिशत बिस्तर कोविड-19 मरीजों के लिए आरक्षित
दिल्ली सरकार ने 50 या उससे अधिक बिस्तरों वाले सभी निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम को निर्देश दिया है कि वे अपनी कुल क्षमता के 20 प्रतिशत बिस्तर कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए सुरक्षित रखें। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने ट्वीट किया, 'दिल्ली सरकार को कोविड-19 मरीजों के लिए सुरक्षित बिस्तरों की संख्या बढ़ाना महत्वपूर्ण लगा। इसलिए, 50 या उससे अधिक बिस्तरों वाले सभी 117 निजी अस्पतालों/नर्सिंग होम को अपने कुल बिस्तरों में से 20 प्रतिशत को कोविड-19 मरीजों के लिए आरक्षित रखना होगा।'