दिल्ली में कोरोना संक्रमित केसों में तेजी आ रही है, सोमवार को दिल्ली में कोविड-19 की संक्रमण दर 0.5 प्रतिशत से अधिक बनी रही। दिल्ली सरकार के अधिकारी 'येलो' अलर्ट (Yellow Alert) और लगाने का निर्णय लेने से पहले स्थिति का आकलन कर रहे हैं। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP)के तहत प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं, दिल्ली ने सोमवार को 331 COVID-19 मामले दर्ज किए, जो उच्चतम 9 जून से एक दिन की वृद्धि, और एक की मौत जबकि सकारात्मकता नगर स्वास्थ्य विभागद्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, दर 0.68 प्रतिशत तक बढ़ गई है
दिल्ली में रविवार को कोविड-19 की संक्रमण दर 0.5 प्रतिशत से अधिक होने और ओमीक्रोन मामलों की संख्या में निरंतर वृद्धि से शहर के व्यापारी चिंतित हैं क्योंकि उन्हें डर है कि आने वाले दिनों में यदि सरकार 'येलो' अलर्ट जारी करती है तो उनके प्रतिष्ठान बंद हो सकते हैं।
राष्ट्रीय राजधानी की कारोबारी बिरादरी घबराहट की स्थिति में है। कारोबारियों ने दिल्ली सरकार से 'येलो' अलर्ट घोषित करने से पहले दो अन्य संकेतकों- कोरोना वायरस के नए मामलों की संख्या और ऑक्सीजन बिस्तरों पर मरीजों की संख्या पर भी विचार करने का सोमवार को आग्रह किया।
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) द्वारा जुलाई में तैयार की गई चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (GRAP) के अनुसार, यदि संक्रमण दर लगातार दो दिन तक 0.5 प्रतिशत रहती है या सात दिन में संक्रमण के नए मामलों की संख्या 1, 500 तक पहुंच जाती है या फिर सात दिन में ऑक्सीजन युक्त बिस्तरों पर रोगियों की संख्या 500 हो जाती है तो 'येलो' अलर्ट (पहला स्तर) जारी किया जाता है।
‘Yellow Alert’ जारी होते ही तमाम प्रतिबंध लागू हो जाते हैं
‘Yellow Alert’ जारी होते ही रात का कर्फ्यू, स्कूल और कॉलेज बंद करना, मेट्रो ट्रेनों और बसों में बैठने की क्षमता आधी करना, गैर आवश्यक दुकानों और मॉल आदि को बंद करना सहित तमाम प्रतिबंध लागू हो जाते हैं। विभिन्न उद्योगों के व्यापारियों के संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्रीज (सीटीआई) के अध्यक्ष बृजेश गोयल ने कहा कि अगर सोमवार को भी संक्रमण दर 0.5 प्रतिशत से अधिक हो जाती है, तो जीआरएपी के लागू होने की संभावना है, जिसके तहत दिल्ली के बाजारों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में कई तरह की पाबंदियां लगाई जाएंगी।
'ऐसी स्थिति में GRAP के पहले चरण के तहत प्रतिबंध नहीं लगाया जाना चाहिए'
उन्होंने कहा, ''येलो अलर्ट जारी होते ही कई गतिविधियां और व्यवसाय बंद हो जाएंगे। हमने डीडीएमए को एक पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि जीआरएपी येलो अलर्ट केवल तभी लागू होना चाहिए जब दिल्ली में कोरोना वायरस के 1,500 मामले सामने आएं।'गोयल ने कहा, ''हमने डीडीएमए से जीआरएपी के तहत कोई प्रतिबंध लगाने से पहले व्यापारियों की स्थिति पर विचार करने का भी अनुरोध किया है।'उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार शहर में कोविड के मामलों की संख्या बढ़ रही है लेकिन फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। गोयल ने कहा, 'दिल्ली में लगातार सात दिनों तक कोविड के 1,500 मामले दर्ज नहीं किए गए हैं और न ही बिस्तरों पर मरीजों की औसत संख्या 500 है। ऐसी स्थिति में, जीआरएपी के पहले चरण के तहत प्रतिबंध नहीं लगाया जाना चाहिए।'