नई दिल्ली : लॉकडाउन के खत्म होने के साथ ही राजधानी दिल्ली और आस-पास के इलाकों में वायु गुणवत्ता फिर से खराब होने लगी है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) के अनुसार, एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) आईटीओ में 264, पटपड़गंज में 228 पर, आरके पुरम में 235 और रोहिणी में 246, 'गरीब' श्रेणी में सभी चार श्रेणियों में है।
वायु प्रदुषण वायुमंडल में प्रदूषकों के बढ़ने के साथ दिल्ली में खराब होने लगा है। अक्षरधाम से एक तस्वीर सामने आई है जिसमें दिल्ली के वायु गुणवत्ता की सच्चाई साफ नजर आ रही है। एक स्थानीय ने बताया, "ऐसी खबरें थीं कि तालाबंदी के दौरान हिमालय पंजाब से दिखाई दे रहा था। अब, हम पहले चरण में वापस आ गए हैं। हम सभी इसके लिए जिम्मेदार हैं।
इससे पहले शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक 221 पर पहुंच गया और शनिवार को यह खराब की श्रेणी में रहा। पश्चिमी दिल्ली इस दौरान सबसे प्रदूषित रही। इससे एक दिन पहले, हवा की गुणवत्ता में कुछ सुधार हुआ था। यह बात सेंट्रल पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) ने कही। सीपीसीबी के अनुसार, 35 प्रदूषण निगरानी स्टेशनों में से, वायु गुणवत्ता सूचकांक 24 स्टेशनों में खराब की सूची में रहा, वहीं 10 मोडरेट सूची में रहा और एक काम नहीं कर रहा था।
पश्चिम दिल्ली के मुंडका में एक्यूआई सबसे खराब 286 रिकार्ड किया गया। दिल्ली के पड़ोसी शहरों गाजियाबाद, फरीदाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, मेरठ और गुरुग्राम में भी हवा की गुणवत्ता खराब आंकी गई। गाजियाबाद में इनसब जगहों में सबसे खराब वायु गुणवत्ता दर्ज की गई।
पराली जलाने की वजह से, दिल्ली-एनसीआर में हर साल जाड़े के मौसम में प्रदूषण उच्च स्तर पर पहुंच जाता है। वहीं निचले वायुमंडल में ओस की बूंदें जब इस प्रदूषण के साथ मिल जाती है तो जहरीली हवा की एक मोटी चादर बिछ जाती है, जिससे शहर के लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक स्थिति पैदा हो जाती है।