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Delhi AQI: दिल्ली की आबो-हवा में नहीं सुधार और बिगड़ी एयर क्वालिटी, कहीं 'खराब' तो कहीं 'गंभीर' हालात

Updated Oct 31, 2020 | 12:08 IST

दिल्ली की हवा खतरनाक और गंभीर स्तर पर बनी हुई है जिससे लोगों को खासी दिक्कतें पेश आ रही हैं,पराली जलाने की वजह से और अन्य कारणों से ये स्थिति हर साल बन रही है।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
0 और 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक' माना जाता है

नई दिल्ली: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार शनिवार सुबह 7 बजे आनंद विहार इलाके में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 459 'खतरनाक' श्रेणी में दर्ज किया गया है। सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, आईजीआई हवाई अड्डे के पास वायु गुणवत्ता सूचकांक 'बहुत खराब' श्रेणी में है। राष्ट्रीय राजधानी के कई क्षेत्रों में वायु की गुणवत्ता खतरनाक श्रेणी में बनी हुई है; आईटीओ, डीएनडी और गाजीपुर क्षेत्र में एयर क्वालिटी के हाल बेहद खराब हैं।

वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के आंकड़ों के मुताबिक शुक्रवार शाम को दिल्ली और आस-पास के इलाकों में प्रदूषण का स्तर अचानक 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गया था दिल्ली के अधिकतर इलाकों में ये फिगर 300 के पार है। प्रदूषण संबंधी अनुमान जताने वाली सरकारी एजेंसी ने कहा कि हवा की अनुकूल गति के कारण वायु गुणवत्ता में थोड़ा सुधार होने की उम्मीद है।

केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति की ओर जारी होने वाले अध्यादेश के जरिए कानून बना रही हैं जिसमें कानून का उल्लंघन करने वालों को पांच साल की सजा और एक करोड़ रुपये का जुर्माना हो सकता है। केंद्र सरकार की वायु गुणवत्ता चेतावनी प्रणाली की ओर से कहा गया कि पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली इत्यादि जलाने की घटनाओं में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई जिसके कारण दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और उत्तर पश्चिम भारत के अन्य भागों में वायु गुणवत्ता प्रभावित हो रही है।

सही Air Quality का ये है पैमाना

गौरतलब है कि है कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बेहद खराब' और 401 से 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है।

सीपीसीबी के डेटा के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में बृहस्पतिवार सुबह 10 बजे पीएम10 का स्तर 424 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया जो इस मौसम में सर्वाधिक है। भारत में 100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से नीचे के पीएम 10 का स्तर सुरक्षित माना जाता है। नासा से प्राप्त उपग्रह चित्रों में पंजाब के अधिकांश और हरियाणा के कुछ हिस्सों में पराली इत्यादि जलाने की घटनाओं की पुष्टि हुई।

PM 2.5 संक्रेंद्रण में पराली जलाने का योगदान दिल्ली में 36 प्रतिशत

सफर के अनुसार, पीएम 2.5 संक्रेंद्रण में पराली जलाने का योगदान दिल्ली में 36 प्रतशित रहा। यह बुधवार को 18 प्रतिशत, मंगलवार को 23 प्रतिशत, सोमवार को 16 प्रतिशत, रविवार को 19 प्रतिशत और शनिवार को नौ प्रतिशत रहा। सफर ने कहा कि सतह पर हवा की गति बढ़ने और वातायन की बेहतर परिस्थितियों से शनिवार तक हालात में 'काफी' सुधार की उम्मीद है।

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